उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन मैं भरी हुंकार, राज्य सरकार से की राजकीय विभाग घोषित करने की मांग

07 Mar, 2024
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हरिद्वार, नगर निगम हरिद्वार मैं स्थित जल संस्थान के कार्यालय पर उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन की प्रदेश इकाई द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन कर राज्य सरकार से जल संस्थान एवं जल निगम को निजी हाथों में न दिए जाने की मांग करते हुए राजकीय विभाग घोषित किए जाने की मांग की है।

 पिछले लंबे अरसे से उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के बैनर तले जल संस्थान एवं जल निगम के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर कर्मचारियों द्वारा आवाज उठाई गई है। संगठन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया है कि काफी लंबे अर्शे से जल संस्थान एवं जल निगम को राजकीय विभाग घोषित करने की मांग की जा रही है. जिस पर अभी तक किसी भी प्रकार का कोई समाधान नहीं निकाला गया और ना ही मांग को पूरा किया गया। जिसके चलते कई धरने प्रदर्शन भी किए गए जिससे सरकार उक्त विषयों को लेकर कोई समाधान निकाल सके। लेकिन अभी तक किसी भी मांग का कोई समाधान नहीं निकला है।

 

byte, श्याम सिंह नेगी,गढ़वाल मंडल अध्यक्ष

संगठन के प्रदेश महामंत्री रमेश बिंजोला ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत के 34 से राज्यों में जल संस्थान एवं जल निगम कों राजकीय विभाग घोषित कर उनमें कार्य किया जा रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा अभी तक इस विषय को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में 27 फरवरी को विधानसभा घेराव कर सरकार को संदेश दिया गया था.साथी चेतावनी भी दी गई थी कि जल संस्थान एवं जल निगम के कार्यों को निजी संस्थानों से ना करवाया जाए। उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि एडीबी के माध्यम से कई कार्यो को निजी संस्थानों से करवाया जा रहा है जिसका हम पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं।

byte, रमेश बिंजोला, प्रदेश महामंत्री

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा पूर्व में आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही इस विषय को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा और मांगों पर विचार किया जाएगा लेकिन अभी तक मांगों पर किसी भी प्रकार का कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है की अन्य राज्यों की भांति जल संस्थान एवं जल निगम को राजकीय विभाग घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो जल संस्थान एवं जल निगम के 9000 कर्मचारी पूरे प्रदेश भर में इसी प्रकार से धरना प्रदर्शन करते रहेंगे और अपनी मांग के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे।राज्य सरकार के द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

रिपोर्ट –सीमा कश्यप

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