इसरो ने हालिया सौर विस्फोटों का व्यापक अध्ययन किया: पृथ्वी, चंद्रमा और L1 से डेटा विश्लेषण

15 May, 2024
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नई दिल्ली: 10 मई, 2024 से शुरू हुए शक्तिशाली सौर विस्फोटों की श्रृंखला के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इन घटनाओं का गहन अध्ययन किया है। इन विस्फोटों ने पृथ्वी को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप संचार और जीपीएस प्रणालियों में व्यवधान उत्पन्न हुआ।

इसरो ने इन घटनाओं का व्यापक डेटा प्राप्त करने और विश्लेषण करने के लिए अपने सभी अवलोकन प्लेटफार्मों और प्रणालियों को सक्रिय किया, जिसमें शामिल हैं:

  • आदित्य-L1: सूर्य-पृथ्वी L1 बिंदु से सूर्य का निरीक्षण करने वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष यान, जो सौर वायु और विकिरण के “वास्तविक समय” डेटा प्रदान करता है।
  • चंद्रयान-2: चंद्रमा की कक्षा से सौर विस्फोटों के प्रभावों का अवलोकन करने वाला अंतरिक्ष यान।

मुख्य वैज्ञानिक निष्कर्ष:

  • अत्यधिक सक्रिय सौर क्षेत्र: मई 2024 की शुरुआत में, AR13664 नामक एक अत्यधिक सक्रिय सौर क्षेत्र ने पृथ्वी की ओर X-श्रेणी के विस्फोटों और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की एक श्रृंखला जारी की।
  • तीव्र भू-चुंबकीय तूफान: इन घटनाओं के परिणामस्वरूप 2003 के बाद से सबसे तीव्र भू-चुंबकीय तूफान आया, जिसका डीएसटी सूचकांक -412 nT दर्ज किया गया।
  • व्यापक प्रभाव: तूफान का प्रभाव उच्च अक्षांशों पर सबसे अधिक गंभीर था, जहां विमानों के मार्गों को बदलना पड़ा और बिजली लाइनों में व्यवधान हुआ।
  • भारत पर कम प्रभाव: भारत तूफान से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हुआ क्योंकि मुख्य प्रभाव 11 मई की सुबह हुआ जब आयनमंडल पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था।
  • अंतरिक्ष यानों पर प्रभाव: कुछ अंतरिक्ष यानों में गति में गिरावट, एमटीसी धारा संतृप्ति और मोमेंटम व्हील गति विचलन सहित गड़बड़ी देखी गई।
  • नाविक सेवाओं पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं: इसरो नेविगेशन सेंटर ने NaVIC सेवा मेट्रिक्स में कोई महत्वपूर्ण गिरावट नहीं देखी है, जो दर्शाता है कि तूफान का इन सेवाओं पर कोई या नगण्य प्रभाव नहीं था।

अध्ययन का महत्व:

इसरो का अध्ययन सौर विस्फोटों की प्रकृति और पृथ्वी पर उनके प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह डेटा भविष्य में होने वाली ऐसी घटनाओं के लिए बेहतर पूर्वानुमान और तैयारी में सहायक होगा, जिससे अंतरिक्ष यान, उपग्रहों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी।

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Deepa Rawat

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