ईरान ने महिलाओं को इस्लामी पोशाक पहनने के लिए एक बार फिर मजबूर किया जा रहा है। पिछले साल ईरान में हिजाब के चलते महसा अमीनी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब ईरान के हालात बदलेंगे.लेकिन ऐसा नहीं हुआ I
Hijab Controversy: पिछले साल ईरान में हिजाब की वजह से महसा अमीनी की जान चली गई थी. इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. विरोध प्रदर्शनों को देखकर लग रहा था कि यहां सूरतेहाल बदल जाएगी. यहां महिलाओं को जबरदस्ती हिजाब नहीं पहनाया जाएगा बल्कि जिस महिला की मर्जी होगी वही पहनेगी. लेकिन हुआ इसके उलट. यहां पर एक बार फिर मोरालिटी पुलिसिंग शुरू हो गई है. सीधे तौर पर कह सकते हैं कि यहां पर ड्रेस कोड को सख्ती से लागू किया जाएगा.

पिछले साल सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद मॉरल पुलिस को वापस बुला लिया गया था क्योंकि अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में ईरानी शासन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे।

इस साल की शुरुआत में पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद विरोध प्रदर्शन लगभग खत्म हो गए। इस दौरान 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और लगभग 20,000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों ने प्रदर्शनों के दौरान इस बात पर जोर दिया कि पोशाक के नियम में बदलाव नहीं किया गया है। ईरान के शासक हिजाब को इस्लामी क्रांति के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देखते हैं, जिससे उन्हें सत्ता मिली।
प्रदर्शन को मिला ईरानी हस्तियों का साथ

हिजाब के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन देखते ही देखते ईरानी शासकों को उखाड़ फेंकने की मांग में बदल गया। ईरान की सरकार ने, बिना किसी सबूत के, विरोध प्रदर्शनों के लिए विदेशी साजिश को जिम्मेदार ठहराया था। कई ईरानी हस्तियां विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। कई ईरानी अभिनेत्रियों को बिना हिजाब के सार्वजनिक रूप से सामने आने या विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए हिरासत में लिया गया था।
ईरान सरकार की तरफ से बताया गया है कि “हिजाब कानून को लागू करने के लिए मोरैलिटी पुलिस फिर सड़कों पर उतरेगी.” हालांकि इससे पहले साल 2022 में जब ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तब यह कहा जा रहा था कि अब यहां से मोरैल पुलिस हटाई जाएगी लेकिन ईरान सरकार ने इस बात से इंकार किया था. लेकिन प्रदर्शन के दौरान ईरान की सड़कों से मोरैल पुलिस गायब हो गई थी. लेकिन अब फिर यहां पर मोरैलिटी पुलिस सड़कों पर नजर आएगी.
मोरैलिटी पुलिस का क्या काम है?

दरअसल ईरान में शरिया कानून के मुताबिक कानून है. इसके मुताबिक महिलाएं पब्लिक प्लेस पर अपना सर ढकेंगी और ठीले लिबास पहनेंगी. मोरैलिटी पुलिस यह देखती है कि महिलाएं इस नियम का पालन करें. वह यह सुनिश्चित करती है कि औरतें जब भी अपने घर से बाहर निकलें तो वह हिजाब पहन कर निकलें.
सड़कों पर गश्त करेगी मोरैलिटी पुलिस

ईरान की मोरैलिटी पुलिस सड़कों पर महिलाओं से इस्लामिक ड्रेस कोड का पालन कराएगी. अगर कोई भी औरत शरिया ड्रेस का कोड का पालन नहीं करती है तो उस पर शरिया कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. पिछले साल सितंबर में महसा अमीनी को मोरैलिटी पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया था कि उन्होंने ठीक से हिजाब नहीं पहना था. इसके बाद उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा गया, जहां उनकी मौत हो गई.