केंद्र सरकार का राज्यों को निर्देश,निरस्त हो चुकी धारा-66 ए को तत्काल प्रभाव से लें वापस|

15 Jul, 2021
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नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे सूचना प्रौद्योगिकी (IT) एक्ट की धारा 66-ए के तहत दर्ज मामलों को तत्काल प्रभाव से वापस लें. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे सभी पुलिस स्टेशन को निर्देश दें कि आईटी एक्ट की निरस्त हो चुकी धारा-66 ए के तहत कोई केस ना दर्ज की जाए.जानकारी के मुताबिक 24 मार्च, 2015 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाने के लिए भी कहा था। गृह मंत्रालय ने कहा कि उसी तारीख से आईटी एक्ट की धारा-66ए अमान्य है, इसलिए इस धारा के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. गृह मंत्रालय ने कहा ने कहा जो केस दर्ज किये जा चुके वो अब तत्काल रूप से निरस्त किये जाए |

धारा 66ए के तहत लोगों की गिरफ्तारी को लेकर हैरान रह गया सुप्रीम कोर्ट

ज्ञात हो कि धारा 66ए के तहत लोगों पर मामला चलाए जाने की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सोमवार को हैरानी जताई और कहा कि आइटी एक्ट के अंतर्गत धारा 66 ए को 2015 में ही सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया था। रद किए गए इस धारा के अंतर्गत आपत्तिजनक मैसेज करने वाले शख्स को तीन साल के लिए कैद की सजा दी जाती थी और जुर्माना भी लगाया जाता था। जस्टिस आरएफ नरीमन, के एम जोसफ और बी आर गवई ने PUCL नामक एनजीओ संस्था द्वारा दर्ज किए गए आवेदन पर केंद्र को नोटिस जारी किया।

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