मध्यप्रदेश की 6 धरोहरें यूनेस्को की अस्थायी सूची में, प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को वैश्विक मान्यता

15 Mar, 2024
Head office
Share on :

भोपाल, 15 मार्च 2024: मध्यप्रदेश की संस्कृति और सभ्यता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर ने भारत की अस्थायी सूची में मध्यप्रदेश की छह धरोहरों को शामिल किया है। यह प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है और राज्य सरकार की धरोहर संरक्षण एवं पर्यटन विकास की रणनीति की सफलता का प्रमाण है।

शामिल धरोहरें:

ग्वालियर का ऐतिहासिक किला: अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध।

धमनार का ऐतिहासिक समूह: प्राचीन बौद्ध स्तूपों और गुफाओं का समूह।

भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर: 11वीं शताब्दी का भव्य शिव मंदिर।

चंबल घाटी के रॉक कला स्थल: प्रागैतिहासिक काल की कलाकृतियों का भंडार।

खूनी भंडारा बुरहानपुर: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का स्मारक।

रामनगर मंडला का गोंड स्मारक: गोंड राजाओं का ऐतिहासिक किला।

महत्व:

यह उपलब्धि मध्यप्रदेश की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

सरकार की पहल:

मध्यप्रदेश सरकार धरोहर संरक्षण और पर्यटन विकास को लेकर अनेक पहल कर रही है। इनमें धरोहरों का जीर्णोद्धार, पर्यटन सुविधाओं का विकास, और जागरूकता अभियान शामिल हैं।

मध्यप्रदेश की 6 धरोहरों को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया जाना प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। यह राज्य सरकार की धरोहर संरक्षण और पर्यटन विकास की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह उपलब्धि प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Tags : #मध्यप्रदेश , #यूनेस्को , #विश्वहेरिटेज , #धरोहर , #संस्कृति , #सभ्यता , #पर्यटन , #सरकार , #निष्कर्ष

Deepa Rawat

News
More stories
कांग्रेस हरिद्वार-नैनीताल सीट पर जल्द घोषित करेगी उम्मीदवार