नई दिल्ली: देश आज धूमधाम से अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कर्तव्य पथ से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ की गई। इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर कर्तव्य पथ परेड निकाली गई। इस परेड में भारत का स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आई। कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, आसमान में प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की। 90 मिनट की परेड में 23 झांकियां भी दिखीं। इनमें राज्यों की और मंत्रालयों-विभागों की झांकियां शामिल रहीं। जहां यूपी की झांकी में अयोध्या की झलक दिखीं, तो वहीं गृह मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत की झांकी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की झांकी में ‘नारी शक्ति’ को दर्शाया गया। आखिर में भारतीय सेनाओं के 50 विमानों ने फ्लाई पास्ट किया।

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाने का कारण

भारत ने ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि आजादी से पहले तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। 31 दिसंबर, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इस प्रस्ताव में यह मांग की गई थी कि अगर ब्रिटिश सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश (डोमीनियन स्टेट) का दर्जा नहीं दिया तो, भारत को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इसी के बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था और इसी दिन जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था। हालांकि, बाद में 1947 में मिली आजादी के बाद 15 अगस्त को आधिकारिक रूप से स्वतंत्र दिवस घोषित कर दिया गया। यह दिन भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक रूप से अपनी सरकार चुनने की शक्ति को दर्शाता है।
भारत के संविधान की खास बातें

भारत देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें एक प्रस्तावना, 448 आर्टिकल्स, 12 अनुसूचियां और 5 अनुबंध और कुल 1.46 लाख शब्द शामिल हैं। बता दें, इसे तैयार करने से पहले दुनिया के 60 देशों के संविधान को पढ़ा गया था। बेहद दिलचस्प बात ये है कि पूरा संविधान हाथ से लिखा गया है। इसे लिखने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। इसे लिखने का काम कैलिग्राफिस्ट प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने किया था। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लिखने के लिए कोई भी रकम नहीं ली थी।
#President Draupadi Murmu, 74 Republic day today, Desh ne mnaya aaj apna 74 va gantantra divas, deshhit news, Egyptian President Abdel Fattah al-Sisi, Republic today |
Edit By Deshhit News