क्या है केमिकल और बायोलॉजिकल हथियार, क्यों लग रहे हैं रूस पर आरोप की वह यूक्रेन पर केमिकल हथियार का इस्तमाल कर सकता है?

15 Mar, 2022
Deepa Rawat
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अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने कहा था कि यूक्रेन में लंबी खींचती जंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में गुस्सा और निराशा बढ़ा दी है

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन का युद्ध काफी नाजुक स्थिति में पहुँच चुका है. इस युद्ध लगभग 3 हफ्ते पूरे हो गये हैं. कहा जा रहा है कि रूस अब यूक्रेन पर केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों का इस्तमाल कर सकता है. लेकिन रूस के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है कि वह किसी केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार का इस्तमाल नहीं करेगा. आपको बताते चले की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रेस कांफ्रेंस कर रूस पर आरोप लगाते हुए ये कहा कि अगर रूस ने केमिकल और बायोलॉजिकल हथियार इस्तमाल करने की कोशिश भी की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे.

रूस और यूक्रेन युद्ध के तीन हफ्ते पुरे हो गये

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रूस और यूक्रेन के बीच जैसे-जैसे युद्ध गहराता जा रहा है वैसे-वैसे कई देशों को आशंका लग रही है कि रूस केमिकल बायोलॉजिकल हथियारों का इस्तमाल कर सकता है इस आरोप को लगाने वाले में सबसे पहले अमेरिका, जर्मन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने कहा था कि यूक्रेन में लंबी खींचती जंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में गुस्सा और निराशा बढ़ा दी है और अब वो जंग जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स

रूस और चेचन्या के बीच वर्ष 1999 से 2009 तक युद्ध लड़ा गया था जिसमें चेचन्या ने रूस को काफी जोरदार टक्कर दी थी लेकिन बाद में चेचन्या युद्ध हार गया. युद्ध के दौरान अक्टूबर 2002 में रूस ने चेचन्या विद्रोहियों के खिलाफ केमिकल हथियार इस्तमाल करने का आरोप लगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 120 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन रूस ने इन आरोपों को भी खारिज किया था उसने अपने बयान में कहा की उसने किसी जैविक हथियार का इस्तमाल नहीं किया है. ये सब झूठ है और ये सिर्फ पश्चिम देशों का प्रोपेगैंडा है.

रूस और चेचन्या युद्ध के दौरान ली गई तस्वीर

क्या है जैविक हथियार  

पश्चिम देश जैविक हथियारों को लेकर इतनी चिंता जाहिर कर रहे हैं क्योंकि इसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे हथियारों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने या मारने के लिए किया जाता है. इसमें जो केमिकल इस्तेमाल होता है, उससे इंसान के शरीर को गंभीर नुकसान पहुँचने के साथ शरीर बुरी तरह जल जाता है या फिर पैरालाइज हो जाता है.

केमिकल हथियार

बायोलॉजिकल हथियार के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लिखा है कि बायोलॉजिकल हथियार के जरिए कोई बैक्टिरिया, वायरस या फंगस का इस्तेमाल होता है. ऐसे हथियारों मानव के शरीर में जाता इसके बाद शरीर का इस्तमाल करना बंद कर देता है और कई मामलो में मानव की मौत भी हो जाती है इसमें सिर्फ मानव के शरीर के नुकसान तक ही सिमित नहीं रहता बल्कि ये पेड़-पौधों को भी नुक्सान पहुँचाता है.    

खबरों के साथ जुड़े रहिए, हम आपको रूस और केमिकल युद्ध की हर खबर के बारे में बताते रहेंगे

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