नई दिल्ली: Ukraine Russia war- रूस और यूक्रेन की जंग आज हर किसी के जुबां पर है. जहाँ रूसी हमलों के बीच यूक्रेन में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं हजारों लोगों के घायल होने की खबर आ रही है. इसी बिच कीव और खारकीव शहर पर रूसी सेना के हमले जारी हैं जिसके कारण लोग इन जगहों को छोड़कर भागने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं. हालाँकि, अब भी हजारों लोग यूक्रेन से बाहर निकलने में असफल रहे है.
तेजी से बदल रही परिस्थियों के बीच यूक्रेन से एक ऐसी खबर आई जिसने सबको ज्न्झोर कर रख दिया. दरअसल खारकीव में एक बंकर के अंदर फंसे भारतीय छात्र असोयुन हुसैन जो की केरल के रहने वाले हैं, ने अपना दर्द बयां किया है. न्यूज एजेंसी से फोन पर बातचीत करते हुए भारतीय छात्र ने बताया की वहां दवाइयां भी बड़ी मुश्किल से मिल रही हैं, क्योंकि यूक्रेन प्रशासन द्वारा जो मदद की जा रही है उसमें बाहरी लोगों के मुकाबले स्थानीय लोगों को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है.
उसने आगे बताया की बंकर में तापमान इतना नीचे जा चुका है मानो बर्फ जम गई हो और खाने के तो मानों लाले पड़े हुए हैं. कीव में इंडियन एम्बेसी से लगे स्कूल में शरण लिए स्टूडेंट्स भूख से बेहोश हो रहे हैं। पिछले 48 घंटों में उनके पास ब्रेड का सिर्फ एक टुकड़ा बचा हुआ है. खाना तो दूर पानी के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
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कीव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए यूक्रेन सरकार ने फ्री ट्ट्रेनें भी शुरू की है जो यात्रियों को देश के पश्चिमी क्षेत्रों में ले जाएंगी, जहां युद्ध की स्थिति नहीं है। वहीं भारतीयों को, पोलैंड सरकार ने कहा है कि उन्हें बिना वीजा पोलैंड में एंट्री दी जाएगी। इसके अलावा, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा भी चलाया जा रहा है.
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इनसब के बीच, मोदी सरकार ने भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए एक प्लान बनाया है जिसमें चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. इन मंत्रियों में जो नाम शामिल हैं वो है – केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी.के सिंह जो छात्रों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे.