विक्रम S केवल 6 मीटर लंबा सिंगल स्टेज स्पिन स्टेबलाइज्ड सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट है। ये 422 न्यूटन का मैक्सिमम थ्रस्ट जेनरेट करता है। इसमें 4 स्पिन थ्रस्टर्स दिए गए हैं। इस रॉकेट का वजन 550 किलो के करीब है।
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष के अध्याय में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। देश की पहली प्राइवेट स्पेस कंपनी अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस का रॉकेट Vikram-S सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है। इस मिशन का नाम ‘प्रारंभ’ रखा गया है। विक्रम-एस रॉकेट ने श्रीहरिकोटा में ISRO के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। विक्रम S की लांचिग 12 से 16 नवंबर के बीच होनी थी लेकिन खराब मौसम के चलते विक्रम S को 18 नवंबर को लॉन्च किया गया।
मिशन को कंपनी ने ‘मिशन प्रारंभ’ नाम दिया

देश के पहले प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट विक्रम-एस ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भर दी है। स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया कि विक्रम-एस 3 पे-लोड के साथ पृथ्वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्थापित करने के लिए भेजा गया है। कंपनी ने बताया कि विक्रम का नाम इंडियन स्पेस प्रोग्राम के फाउंडर डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। ये खास तौर पर छोटे सैटेलाइट मार्केट के लिए तैयार किए गए मॉड्यूलर स्पेस लॉन्च व्हीकल्स की एक सीरीज है। आने वाले दशक में 20,000 से ज्यादा छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए जाने का अनुमान है, और विक्रम सीरीज को इसी मार्केट के लिए डिजाइन किया गया है।
विक्रम S की खासियत
विक्रम S केवल 6 मीटर लंबा सिंगल स्टेज स्पिन स्टेबलाइज्ड सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट है। ये 422 न्यूटन का मैक्सिमम थ्रस्ट जेनरेट करता है। इसमें 4 स्पिन थ्रस्टर्स दिए गए हैं। इस रॉकेट का वजन 550 किलो के करीब है। ये कलाम 80 प्रोपल्शन सिस्टम से पावर्ड है जिसकी टेस्टिंग 15 मार्च 2022 को नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज में की गई थी।
मिशन का उद्देश्य
स्काईरूट के बिजनेस डेवलपमेंट लीड सिरीश पल्लीकोंडा ने कहा कि मिशन का उद्देश्य कस्टमर पेलोड के साथ विक्रम- I के लॉन्च के लिए स्टेज तैयार करना है। विक्रम-1 रॉकेट का पहला लॉन्च 2023 की दूसरी-तिमाही में लक्षित है और स्टार्टअप के पास कस्टमर भी हैं।
पीएम मोदी ने विक्रम-एस को देश की अंतरिक्ष में उड़ान को क्रांतिकारी बदलाव करार दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रम-एस को देश की अंतरिक्ष में उड़ान को क्रांतिकारी बदलाव करार दिया था। पीएम मोदी ने 30 अक्टूबर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसे लेकर कई बातें कही थी। उन्होंने कहा था कि निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष के खुलने से कई युवा स्टार्ट-अप इस क्षेत्र में काम करना चाह रहे हैं।
2020 में मोदी ने प्राइवेट सेगमेंट के लिए साल 2020 में स्पेस सेक्टर खोलने की घोषणा की थी
भारत में प्राइवेट सेगमेंट के लिए साल 2020 में स्पेस सेक्टर को खोला गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी। इसके लिए भारत सरकार ने सिंगल विंडो नोडल एजेंसी स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर IN-SPACe बनाया है। वैसे भारत में पहला स्टार्टअप 2012 में युवा इंजीनियरों और छात्रों के एक ग्रुप ने शुरू किया गया था, लेकिन 2020 के बाद से इसमें काफी तेजी आई है।
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