पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर निशाना भी साधा। मोदी ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली में दो दिवसीय आतंकी फंडिंग के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरु हो गया है। पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। सम्मेलन में दुनिया के 72 देशों व छह संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया – पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं, लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया।
जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे – पीएम मोदी
मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है, चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता। जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता।
कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए – पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर निशाना भी साधा। मोदी ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है। यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी होगी – पीएम मोदी

आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए। हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए।
सम्मेलन में होंगे कुल चार सत्र
मिली जानकारी के अनुसार, दो दिन के सम्मेलन में कुल चार सत्र होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन के बाद पहले सत्र में आतंकी फंडिंग के ताजा ट्रेंड पर चर्चा होगी। इस सत्र में खुद गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। दूसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के औपचारिक व अनौपचारिक सभी तरीकों पर चर्चा होगी। शनिवार को तीसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के लिए नई तकनीक और रास्तों के इस्तेमाल पर चर्चा होगी, जिसमें क्रिप्टो करेंसी व डार्क वेब भी शामिल है। अंतिम सत्र में आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरतों और सहयोग के बारे में चर्चा की जाएगी।
आतंकी फंडिंग के खिलाफ भारत का समग्र प्रयास

”नो मनी फार टेरर” सम्मेलन आतंकी फंडिंग के खिलाफ भारत के समग्र प्रयासों को दिखाता है। एक महीने के भीतर यह तीसरा सम्मेलन है, जिसमें आतंकी फंडिंग के खिलाफ पूरी दुनिया में एक राय बनाने की कोशिश की गई है। पहले इंटरपोल और बाद में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की समिति की मुंबई और दिल्ली में हुई बैठक में भारत आतंकी फंडिंग और आतंकवाद के खतरे के प्रति दुनिया को आगाह कर चुका है। इंटरपोल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि दुनिया में आतंकियों के लिए पनाह की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।