नई दिल्ली: बुधवार को कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की ऑटोबायोग्राफी ‘आजाद’ लॉन्च होने जा रही है। बुक की लॉन्चिंग से पहले गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। बता दें, वह साल 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के सातवें मुख्यमंत्री रहे और देश के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे।
विपक्ष के नेता के रूप में मैंने मोदी को किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा – गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा- ‘मैंने नरेंद्र मोदी के साथ जो किया, उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। विपक्ष के नेता के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो या CAA या हिजाब, लेकिन उन्होंने कभी भी बदले की भावना से काम नहीं किया। वे हमेशा एक उदार राजनेता की तरह पेश आए हैं।
कौन है गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को हुआ था। वह साल 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के सातवें मुख्यमंत्री रहे और देश के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। गुलाम नबी आजाद ने 1973 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उनकी सक्रियता और प्रदर्शन के साथ उन्हें 2 साल के भीतर जम्मू-कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। 1980 में वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके साथ ही 1980 में वे महाराष्ट्र के वाशिम लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। 1982 में इंदिरा सरकार में उन्हें कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय के प्रभारी उपमंत्री बनाया गया। आजाद 1984 में भी सांसद चुने गए।
1990-1996 के बीच महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे गुलाम नबी आजाद

1990-1996 के बीच महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे। पीवी नरसिम्हा सरकार में उन्हें संसदीय मामलों और नागरिक उड्डयन मंत्रालायों में कार्य किया। गुलाम नबी को 1996 से लेकर 2008 तक जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया। उन्होंने 29 अप्रैल, 2006 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और 2 नवंबर 2005 को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में दूसरी यूपीए सरकार के दौरान गुलाम नबी को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। वे फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में उनके काम के लिए जाना जाता है। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन भी शुरू किया।
पद्म भूषण से सम्मानित है गुलाम नबी आजाद

2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। गुलाम नबी आजाद को 15 फरवरी, 2021 को उच्च सदन से सेवानिवृत्त हुए। गुलाम को कांग्रेस की अभियान समिति का अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक मामलों की कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया था। उसके कुछ घंटे बाद ही 16 अगस्त को उन्होंने दोनों पद अस्वीकार कर दिए। बता दें, गुलाम नबी आजाद को भारत सरकार द्वारा 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
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