शिवसेना के प्रमुख हरीश सिंगला का कहना है कि शिवसेना कभी भी पंजाब में खालिस्तानी गुट नहीं बनने देगी.
पटियाला: पंजाब के पटियाला में काली देवी मंदिर के पास शुक्रवार को दो गुटों में झड़प हो गई. यह घटना उस समय हुई जब शिवसेना पंजाब शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला की देखरेख में खालिस्तानी समूहों के खिलाफ पटियाला में मार्च निकाल रही थी।
हालाँकि, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। पटियाला डीएसपी ने बताया की वहां की कानून-व्यवस्था की समस्या को देखते हुए, पुलिस को तैनात किया गया है और दोनो समूहों में से एक, शिवसेना के प्रमुख हरीश सिंगला के साथ बात कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मार्च करने की कोई अनुमति नहीं है. वहीं हरीश सिंगला का कहना है कि शिवसेना कभी भी पंजाब में खालिस्तानी गुट नहीं बनने देगी.
दरअसल, रैली के दौरान एक सिख संगठन और एक हिंदू संगठन के सदस्य आपस में भिड़ गए। भीड़ में से कई लोगों ने नारेबाजी भी की, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। शिवसैनिकों ने “खालिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए, जिसके बाद सिख संगठनों के कुछ सदस्य तलवारें लहराते हुए सड़कों पर उतर आए। इसके बाद दोनों समूहों ने पथराव शुरू कर दिया जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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इनसब के बिच, विपक्षी दलों ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर सवाल उठाया। वहीं, पटियाला के उपायुक्त साक्षी साहनी ने शांति का आह्वान किया और लोगों से “निराधार समाचारों का शिकार न होने” का आग्रह किया है। साक्षी साहनी ने कहा, मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है और लगातार निगरानी की जा रही है। सभी से अनुरोध है कि वे निराधार समाचारों / सोशल मीडिया के आगे न झुकें और अपने-अपने घरों पर लौट आएं।”
विवाद को हल करने के लिए दोनों समूहों के बीच बातचीत का आह्वान करते हुए साक्षी साहनी ने कहा, “शांति और सद्भाव हमारे सभी धर्मों और उनके मूल लोकाचार के केंद्र में हैं। भले ही कोई विवाद या गलतफहमी हो, इसे बातचीत से हल करना महत्वपूर्ण है।”
वहीं, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की और माना जा रहा है कि झड़पों में कम से कम दो लोग घायल हुए हैं।