एएनआई के मुताबिक, हाल ही में संपन्न लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल (बीएसी) की बैठक में सर्वसम्मति से संसद के शीतकालीन सत्र को 23 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया।
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को खत्म हो सकता है। संसद के दोनों सदनों के जारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही तय समय से हफ्ताभर पहले ही समाप्त करने की घोषणा की गई है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर को शुरू हुआ था।
क्या होता है? शीतकालीन सत्र

इस सत्र का आयोजन नवंबर से दिसंबर के बीच किया जाता है, इस समय भारत में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही होती है, इसलिए इस सत्र को शीतकालीन सत्र कहा जाता है | इस सत्र में भी चर्चा, प्रस्ताव पेश करना, प्रस्ताव के लिए मतदान और प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया होती है।
संसद क्या होता है?

संसद हमारे देश की विधायिका (Legislature) है। जहाँ देश के कानून बनते हैं। संसद के दो सदन होते हैं – लोक सभा एवं राज्य सभा। लोक सभा को निम्न सदन एवं राज्य सभा को उच्च सदन कहते हैं। राष्ट्रपति भी संसद का अंग होते हैं।
संसद का शीतकालीन सत्र खत्म करने का कारण?
संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर को शुरू हुआ था, और इस दौरान काफी हंगामा होता रहा, जिसकी वजह से बार-बार दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। सत्तापक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों के बीच अरुणाचल प्रदेश में चीन से झड़प के मुद्दे पर हंगामा लगातार जारी रहा।
संसद में किस मुददे को लेकर हुआ जमकर हंगामा

कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के अलवर में विवादित बयान दिया था। खरगे ने कहा था कि देश के लिए हमारे नेताओं ने तो कुर्बानी दी हैं, लेकिन आपके घर में देश के लिए कोई कुत्ता भी मरा क्या? यही नहीं उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार बाहर शेर की तरह बात करती है, अंदर एक चूहे की तरह काम करती है।’ वह चीन मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने को तैयार नहीं है।
भाजपा का खरगे पर पलटवार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने भी संसद में तेवर दिखाए। भाजपा ने खरगे से माफी की मांग की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अलवर में सोमवार को खरगे ने अभद्र भाषण दिया था। जिस भाषा का प्रयोग किया गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जिस तरह से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, निराधार बातें कही और देश के सामने झूठ पेश करने की कोशिश की… मैं उसकी निंदा करता हूं। मैं उनसे माफी की मांग करता हूं।
खरगे ने अपनी मानसिकता और ईर्ष्या की एक झलक दिखाई है – पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि खरगे को भाजपा, संसद और इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। जिन्होंने पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनाई। खरगे ने अपनी मानसिकता और ईर्ष्या की एक झलक दिखाई है। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि खरगे को भाजपा, संसद और इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। जिन्होंने पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनाई। खरगे ने अपनी मानसिकता और ईर्ष्या की एक झलक दिखाई है।
अपनी बात पर अड़े खरगे

भाजपा के विरोध के बावजूद खरगे अपने बयान पर कायम हैं। खरगे ने कहा, ‘मैंने जो कहा वह राजनीतिक रूप से सदन के बाहर था भीतर नहीं। उस पर यहां चर्चा करने की जरूरत नहीं है। मैं अभी भी कह सकता हूं कि स्वतंत्रता संग्राम में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। ये लोग ‘माफी मांगने वाले लोग’ हैं। खरगे ने आगे कहा, ‘अगर मैं वही दोहराऊंगा जो मैंने बाहर कहा था तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी। माफी मांगने वाले लोग आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोगों से माफी मांग रहे हैं। मैंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपना बलिदान दिया। आप में से किसने इस देश की एकता के लिए अपनी जान दे दी?’
एएनआई के मुताबिक, हाल ही में संपन्न लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल (बीएसी) की बैठक में सर्वसम्मति से संसद के शीतकालीन सत्र को 23 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया।
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