TMC, NCP और CPI से क्यों छिना गया राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा ?

11 Apr, 2023
Deepa Rawat
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नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो गया है। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में सत्‍ता पर काबिज ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) अब राष्‍ट्रीय पार्टी नहीं रही। चुनाव आयोग ने उससे नेशनल पार्टी होने का स्‍टेटस वापस ले लिया है। बता दें, TMC इकलौती पार्टी नहीं है। जिससे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिना है बल्कि तृणमूल कांग्रेस के अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और CPI से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इसकी वजह है कि इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। बता दें, इससे पहले मायावती की बहुजन पार्टी से राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन चुका है।

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TMC, NCP, CPI से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों वापस लिया गया ?

मिली जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस को 2016 में राष्ट्रीय पार्टी का टैग दिया गया था, लेकिन गोवा और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में इसके खराब प्रदर्शन के कारण यह दर्जा वापस लेना पड़ा। NCP का गोवा, मणिपुर और मेघालय में खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया। पश्चिम बंगाल और ओडिशा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद CPI से यह टैग वापस ले लिया गया है।

TMC कब बनी थी राष्ट्रीय पार्टी ?

सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस - विकिपीडिया

सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस (संक्षेप में एआईटीसी, टीएमसी या तृणमूल कांग्रेस) पश्चिम बंगाल में स्थित एक भारतीय राजनीतिक दल है। पार्टी की स्थापना 1 जनवरी 1998 को हुई थी। पार्टी का नेतृत्व इसके संस्थापक और पश्चिम बंगाल के मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था।

NCP की स्थापना कब हुई थी ?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - विकिपीडिया

20 मई 1999 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का नेतृत्व करने वाली इटली में जन्मी सोनिया गांधी के अधिकार पर विवाद करने से निष्कासित होने के बाद शरद पवार, पी.ए. संगमा और तारिक अनवर द्वारा 25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गठन किया गया था।

CPI की स्थापना कब हुई थी ?

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) - विकिपीडिया

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( CPI ) भारत की सबसे पुरानी कम्यूनिस्ट पार्टी है। 2019 के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के कारण, भारत के चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया। CPI की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को आधुनिक कानपुर में हुई थी।

राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के बाद उस राजनीतिक दल के क्‍या अधिकार छिन जाते हैं?

  • आयोग जब भी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएगा, तो यह जरूरी नहीं कि उस पार्टी को भी बुलाया जाए।
  • पॉलिटिकल फंडिंग प्रभावित हो सकती है।
  • दूरदर्शन और आकाशवाणी में मिलने वाला टाइम स्लॉट छिन जाएगा।
  • चुनाव के दौरान स्टार।
  • प्रचारकों की संख्या 40 से घटकर 20 हो जाएगी।
  • राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को लेना होगा अलग।
  • ईवीएम या बैलट पेपर की शुरुआत में दल का चुनाव चिह्न नहीं दिखाई देगा।

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