नई दिल्ली: बीते दिनों सोनिया गाँधी ने भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधते हुए एक लेख लिखा था। अपने लेख में सोनिया गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने भारतीय लोकतंत्र की तीनों स्तंभों को सिस्टमैटिक तरीके से नष्ट किया है। हाल ही में खत्म हुए संसद के बजट सत्र का हवाला देते हुए सोनिया ने लिखा कि बीजेपी सरकार ने विपक्ष को जनता की आवाज उठाने से रोका। सोनिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने मीडिया को डरा-धमका कर उसकी स्वतंत्रता छीन ली है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए सोनिया ने लिखा है कि बीजेपी में जाने वालों के खिलाफ मुकदमे ‘चमत्कारी रूप से’ गायब हो जाते हैं। अडानी के मसले पर भी सोनिया ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। महंगाई और बेरोजगारी का जिक्र करते हुए सोनिया ने लिखा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में इन पर बात ही नहीं की गई। सोनिया गांधी के इस लेख को लेकर आज केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भ्रामक बयान बताया है।

किरेन रिजिजू ने सोनिया गांधी के आरोपों पर कहा कि भारतीय लोकतंत्र केवल 1975 में एक बार मरा था और उसके बाद, ये फिर कभी नहीं हुआ और न कभी होगा। हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं। लोकतंत्र की भावना देश में जीवित है। निर्वाचित सरकार से सभी प्रश्न पूछें, लेकिन अपने देश से सवाल न करें।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सोनिया गांधी लोकतंत्र के बारे में लेक्चर दे रही हैं? न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में बात करने वाली कांग्रेस पार्टी का बयान भ्रामक है। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हर शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
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