क्यों कही जाने लगी थी ? शाइस्ता परवीन लेडी डॉन !

19 Apr, 2023
Deepa Rawat
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नई दिल्ली: अतीक और 50 साल का उसका अपराध का किला का अब ध्वस्त हो चुका है। 15 अप्रैल की देर शाम तीन शूटरों ने पुलिस और मीडिया के सामने अतीक आहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मार हत्या कर दी। अतीक की हत्या के बाद सबसे ज्यादा जिस नाम की चर्चा हो रही है वो नाम है अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन का।

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खुद खाकी वर्दी के परिवार से ताल्लुक रखती है शाइस्ता परवीन

शाइस्ता परवीन का आज जो भी नाम हुआ है। उसके पीछे बस एक कारण है वो है उसका पति अतीक अहमद। शाइस्ता परवीन को आज ये नाम अतीक अहमद की वजह से ही मिला है इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि शाइस्ता परवीन का पुलिस और थाने से पहले से कोई वास्ता नहीं है। शाइस्ता को भले ही आज लोग अतीक की वजह से जानते हो लेकिन शाइस्ता परवीन कभी भी पुलिस और उनकी नीतियों से अनजान नहीं थी। शाइस्ता पुलिस को चकमा देने में इतनी माहिर इसलिए है क्योंकि वो खुद खाकी वर्दी के परिवार से ताल्लुक रखती है।

शाइस्ता के पिता ही पुलिस विभाग में थे सिपाही

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शाइस्ता परवीन का जन्म 1 जुलाई 1972 में धूमनगंज, प्रयागराज में हुआ था। आज हम आपको शाइस्ता परवीन की पूरी कहानी बताएंगे।
शाइस्ता परवीन आज पुलिस को चकमा दे रही है। हर जगह पुलिस शाइस्ता को ढूंढ़ने में लगे है लेकिन शाइस्ता बड़े आराम से पुलिसवालों की आंख में धूल झोंक रही है। शाइस्ता परवीन का आज से ही पुलिसवालों से पाला नहीं पड़ा है बल्कि शाइस्ता के पिता ही पुलिस विभाग में सिपाही थे। शाइस्ता अपने 4 भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी है। इसके दो भाइयों में से एक मदरसे में प्रिंसिपल है। बहन-भाईयों में सबसे बड़ी होने की वजह से शाइस्ता हमेशा अपने पिता के साथ पुलिस स्टेशन जाती थी और सारे काम काज को बहुत ही नजदीक से देखती और समझती थी।बचपन में ही उसने देखा था कि कैसे पुलिस किसी का पीछा करती है, कैसे कोई पुलिस को चकमा देता है, उसे ये सबकुछ बचपन में ही देखने को मिल चुका था। इसलिए ही शायद शाइस्ता पुलिस को चकमा देने में इतनी कामयाब हो रही है।

1996 में हुआ था शाइस्ता का अतीक अहमद के साथ निकाह

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शाइस्ता परवीन की पढ़ाई- लिखाई प्रयागराज में हुई। शाइस्ता का शुरूआती जीवन प्रतापगढ़ में बीता है। शाइस्ता ने ग्रेजुएशन किया है। शाइस्ता के घरवालें और अतीक के घरवालें एक- दूसरे को पहले से जानते थे। जब शाइस्ता के घरवालें शाइस्ता का रिश्ता लेकर अतीक के घर गए तो उन्होंने इस रिश्ते के लिए हां कह दिया था। शाइस्ता पहले से बोलने से तेज तर्रार थी। उसने अतीक से ज्यादा पढ़ाई भी की है और अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी होने के चलते उसे घर संभालना भी अच्छे से आता था। अगस्त 1996 में शाइस्ता का निकाह अतीक अहमद के साथ हो गया। इस वक्त तक अतीक ने जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया था। शाइस्ता के 5 बेटे हुए , बेटों के नाम अली, उमर अहमद, असद, अहजान और अबान हैं। जिसमें से अब अशद की मौत हो चुकी है।

लेडी डॉन कही जाने लगी थी शाइस्ता परवीन

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अतीक अहमद और शाइस्ता के निकाह के बाद से ही शाइस्ता अतीक के हर जुर्म में उसका बराबर साथ देती थी। जब अतीक जेल में था तो उसकी जगह शाइस्ता परवीन ही अतीक के जुर्म की दुनिया को संभालने लगी थी। जिस वजह से शाइस्ता परवीन भी लेडी डॉन कही जाने लगी।किस शख्स से क्या रंगदारी मांगनी है, उसे कैसे धमकी दिलानी है, ये सबकुछ वही शाइस्ता तय करती थी।

शाइस्ता ने 2021 में AIMIM से अपने राजनैतिक जीवन की करी थी शुरुआत

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शाइस्ता परवीन ने सितंबर 2021 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी। उसके बाद जब अतीक के ऊपर मुसीबत आई। तब 2023 में शाइस्ता ने मायावती की पार्टी बसपा ज्वाइन की लेकिन उमेश पाल मर्डर केस के बाद से शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। जिसके चलते बसपा ने शाइस्ता को पार्टी से निकाल दिया।

50 हजार की ईनामी है शाइस्ता

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अब सबके मन में यह सवाल है कि आखिर उमेशपाल हत्याकांड में अतीक की बीवी शाइस्ता का नाम कैसे आया? असल में उमेशपाल की हत्या की शुरुआत शाइस्ता ने ही कराई थी। वो साबरमती जेल में मिलने अतीक से गई थी। वहीं पर अतीक और शाइस्ता के बीच उमेशपाल को मारने की चर्चा हुई थी। इसके लिए अतीक ने शाइस्ता से जेल में ही फोन पहुंचाने की बात कही थी। जेल में फोन पहुंचाने के लिए उसने एक पुलिसकर्मी का नाम भी बताया था। जिसके जरिए कुछ दिनों बाद ही शाइस्ता ने अतीक को फोन पहुंचाया था। उसी फोन के जरिए अतीक ने सभी शूटर्स से बात की थी. फिर शूटर्स ने अशरफ से मुलाकात की. इसके बाद फाइनल साजिश तैयार हुई. हालांकि, बाद में अतीक और शाइस्ता ने जब फोन पर बात की, तब शाइस्ता ने कहा था कि इस पूरी घटना में असद को शामिल नहीं कराना चाहिए था। उसी समय अतीक ने कहा था कि असद शेर का बेटा है, फिलहाल शाइस्ता फरार है। बता दें, शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम है।

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