‘सपा सारे मुस्लिम वोट ले गई, हम कैसे जीतते, करारी हार के बात मायावती की प्रेस वार्ता लाइव बताई वजह !

UP Vidhan Sabha Election Results 2022 बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी पार्टी की हार पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। इसमें भी सपा को जिम्मेदार बताया।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने मीडिया को संबोधित किया और चुनाव के दौरान अपनी पार्टी को हुए नुकसान के कारण भी बताए।
मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के वोट खिसकने के साथ ही वोट का प्रतिशत कम होने पर कहा कि इस बार मुस्लिम समाज बसपा के साथ तो लगा रहा परन्तु इनका पूरा वोट समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट कर गया। इससे इस बार बसपा को भारी नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज ने उत्तर प्रदेश में बार-बार आजमाई पार्टी बसपा से ज्यादा सपा पर भरोसा करने की बड़ी भारी भूल की है।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं, पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता को उससे घबराकर व निराश होकर टूटना नहीं है। उसके सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना है और आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है। प्रदेश में 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बसपा की मुखिया मायावती इस बार नतीजों से आहत हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं। इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार हुआ है। सभी को इससे सजग रहें। बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि पार्टी और मूवमेंट को फिर आगे बढ़ाना है। असहाय, गरीबों की भलाई के काम करना है। बहुजन समाज पार्टी संघर्ष करती रहेगी, इस बार उम्मीदों के खिलाफ नतीजे आए हैं। बसपा संघर्ष करती रहेगी हमें हिम्मत नहीं हारनी है।

भाजपा की जीत पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 2017 से भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं थी। इस बार के चुनाव परिणाम एक सबक है। बसपा का कर्म पर भरोसा है, यह चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं। मायावती ने कहा कि हमको चुनाव में हार से घबराना नहीं है। हर बार की तरह ही इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार हुआ था। सपा ने तो हमें भाजपा की बी टीम बताया था। मायावती ने कहा कि यह तो सत्य है, अगर मुस्लिम-दलित वोट मिल जाता तो भाजपा हमसे हार जाती। उन्होंने कहा कि मुस्लिम-दलित वोट मिलते तो परिणाम अलग आए होते। हमको भरोसा है कि सफलता एक दिन हमारे कदम चूमेगी। बसपा ही भाजपा को रोकेगी। बसपा को मेहनत का फल नहीं मिला हम संघर्ष कर रहे हैं, संघर्ष रंग लाएगा। मायावती ने इसके साथ ही जनता, कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का आभार जताया।

उत्तर प्रदेश में इस बार भाजपा की ऐसी आंधी चली कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी पूरी तरीके से ध्वस्त हो गयी। बसपा सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई। बहुजन समाज पार्टी के मजबूत नेता उमाशंकर सिंह ने बलिया के रसड़ा से अपनी जीत की हैट्रिक लगाई। पार्टी के धुरंधर नेता भी हार नहीं बचा सके। श्याम सुंदर शर्मा ने 2017 में मोदी लहर में जीत दर्ज की थी, इस बार मथुरा के मांट से चुनाव हार गए। बसपा पूरे प्रदेश में सिर्फ एक सीट पर ही समट गई। मायावती ने इस बार सभी 403 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारे थे। भाजपा की आंधी कुछ ऐसी चली कि बसपा कहां उड़ गई, किसी को भी अहसास नही हैं।

2007 में सरकार बनाने वाली बसपा सिर्फ एक सीट पर सिमटी
दरअसल, 38 साल पहले 1984 में बनी बसपा 2022 के चुनाव में आते-आते एक सीट पर पहुंच चुकी है. जिस बसपा ने 2007 में उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, वही बसपा 10 साल में सिमटकर एक विधायक पर आ गई है. 2022 के चुनाव में सिर्फ एक विधायक (रसड़ा से उमाशंकर सिंह) ने ही जीत हासिल की है.

1993 से बसपा ने विधान सभा चुनावों में 65 से 70 सीटों पर जीतना शुरू किया. 2002 में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली बसपा का वोट प्रतिशत 23 फीसदी पार कर गया. 2007 में बसपा को सबसे ज्यादा 40.43 फीसदी वोट मिले और उसने अपने दम पर सरकार भी बनाई. 2022 आते-आते बसपा महज 13 फीसदी पर सिमट गई.