उत्तराखण्ड,देहरादून : कल मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। उन्होंने पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत बिथ्याणी में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया।इसके बाद वह अपने पैतृक गांव पंचूर भी गए। यहां उन्होंने अपनी माता एवं स्वजन से भेंट भी की।देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे सीएम योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 का चुनाव जीतने के बाद बहन शशि पयाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की थी। योगी ने उनसे वादा किया कि वह समय मिलते ही एक बार सबसे मिलने गांव आएंगे। उन्होंने बहन से अपना वादा निभाया।परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में होगी बातचीत
हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सीएम योगी आदित्यनाथ के मध्य सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में 18 नवंबर 2021 को हुई उच्च स्तरीय बैठक में बनी सहमति पर कार्रवाई को लेकर बातचीत होगी।

गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का किया अनावरण :
योगी आदित्यनाथ अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत भी आदि उपस्थित रहे।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कोरोना काल के दौरान 20 अप्रैल 2020 को पिता आनंद सिंह बिष्ट के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन को पैतृक गांव नहीं जा सके थे।इसका उनको मलाल भी था। उन्होंने पत्र भेजकर अपनी मां से वादा किया था कि वह गांव जरूर आएंगे।
पंचूर में रहता है परिवार :
योगी आदित्यनाथ के गांव पंचुर में उनकी मां सावित्री देवी, बड़े भाई मानवेंद्र सिंह बिष्ट और छोटे भाई महेंद्र सिंह बिष्ट का परिवार निवास करता है।मूर्ति के अनावरण के बाद योगी अपने गांव पहुंचे। यहां उन्होंने ग्राम देवता की पूजा करने के बाद अपने घर की ओर रुख किया। उन्होंने अपनी बूढ़ी मां से सालों बाद मुलाकात की और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उत्तर प्रदेश जैसे देश के बड़े सूबे के मुखिया होने के बावजूद योगी आदित्यनाथ ने हमेशा परिवार को सत्ता की चमक-दमक से दूर रखा। हालांकि योगी आदित्यनाथ दीक्षा लेने के बाद सन्यासी हो चुके हैं। योगी ने परिवार के बच्चों के साथ कुछ हल्के-फुल्के क्षण भी बिताए और चॉकलेट दी.

आपको बता दें कि इससे पहले 11 फरवरी 2017 को योगी आखिरी बार अपने घर आए थे। तब से उनके स्वजन उनसे मिलने का इंतजार कर रहे थे।