Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड राज्य ने इतिहास रच दिया है। बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता बिल पास हो गया। इसी के साथ उत्तराखंड यूसीसी कानून लागू करने वाला पहला प्रदेश बन गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विधेयक को सदन में पेश किया था।
ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने से पहले बिल पर बोलते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा था, वह जमीन पर उतरकर हकीकत बनने जा रहा है। हम इतिहास रचने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों को भी उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
धामी ने कानून से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को सदन के सामने रखा। उन्होंने कगा कि इस कानून का उद्देश्य तुष्टीकरण नहीं बल्कि समाज में समानता लाना है। धामी ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखंड की जनता के सामने प्रस्ताव रखा था कि हम यूसीसी कानून बनाएंगे और उसके लिए एक ड्राफ्ट कमेटी बनाएंगे। उत्तराखंड में रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक समान कानून होना चाहिए।
समान नागरिक संहिता के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बोलते हुए धामी ने कहा कि नए कानून के लागू होने के बाद पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की तरह विवाह और विवाह विच्छेद का पंजीकरण कराया जा सकेगा। ये पंजीकरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा। कोई पहला विवाह छिपाकर दूसरा विवाह करेगा तो पंजीकरण के जरिए इसका पता लग जाएगा। इससे माताओं और बहनों में सुरक्षा का भाव आएगा।
उत्तराखंड में यूसीसी बिल के लागू होने के बाद राज्य में बहु विवाह पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. इस विधेयक के अनुसार एक पति या पत्नी के जीवित रहते कोई नागरिक दूसरा विवाह नहीं कर सकेगा.