श में अब सबको इंतेजार है 10 मार्च यानी कल का जहाँ सबकी नजर टिकी हुई है की कौन बनेगा देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, क्योंकि 10 मार्च को 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले है। जिससे यह भी अनुमान लगाया जाएगा की 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में क्या होने वाला है
नई दिल्ली: कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तरप्रदेश की राजनैतिक गलियों से ही होकर गुजरता है। ऐसा केवल हमारा मानना नहीं है कई राजनीतिक विशेषज्ञ भी यही कहते है ऐसे में अब देश की जनता ये जानना चाहती है कि उत्तरप्रदेश की सत्ता में मुख्यमंत्री कौन बनेगा , कौन लखनऊ की गद्दी पर बैठने योग्य है
हालाँकि 7वें चरण के मतदान के बाद सभी न्यूज चैनल द्वारा एग्जिट पोल के नतीजे जारी किये गए जिसमे बताया गया की उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बना रही है और एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले है। ऐसे में ये बात सच होती है तो उत्तरप्रदेश के राजनैतिक इतिहास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी इतिहास रचने जा रही है।
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इस बार यूपी में कई सालों से चले आ रहे कई मिथक टूट जाएंगे
योगी आदित्यनाथ पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उत्तरप्रदेश में फिर से भारतीय जनता पार्टी की वापसी करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री होंगे।
योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री होंगे जो लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।
योगी मुख्यमंत्री बने तो 2007 के बाद पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्होंने बतौर सीएम उम्मीदवार विधानसभा का चुनाव लड़ा।
उत्तरप्रदेश के राजनैतिक इतिहास की बात करे तो 1951 से जब गोविंद वल्लभ पंत उत्तरपदेश के पहले मुख्यमंत्री चुने गए थे तब से लेकर 2007 तक हमे अस्थिरता ही देखने की मिली है। कोई भी मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्य काल नहीं पूरा कर पाया। लेकिन 2007 के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ ।
2007 में विधानसभा चुनाव हुए जिसमे बहुजन समाज पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और मायावती 2012 तक अपने पांच साल का कार्यकाल बिना की किसी रुकावट के साथ पूरा किया।
लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में बहुजन पार्टी सत्ता में वापसी करने में विफल रही। जिसके बाद 2012 में एक बार फिर समजवादी पार्टी की वापसी हुई और मुलायम सिंह यादव के कहने पर उनके पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री चुना गया जिसके बाद अखिलेश ने अपने पांच साल का कार्यकाल बिना किसी रूकावट के पूरा किया।
लेकिन सत्ता में उनकी भी वापसी नहीं हुई और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 325 सीटों जीतकर इतिहास रच दिया। इसके बाद पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सत्ता के शिखर पर बिठाया. योगी ने भी पूरी पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. अब देखना यह है कि योगी दोबारा मुख्यमंत्री की शपथ लेकर इतिहास रच पाते हैं या नहीं.