प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शहीद भगत सिंह को उनकी 115वीं जयंती पर याद किया. उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. उनका केवल एक ही उद्देश्य था, देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त करना….
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh Jayanti 2022) को उनकी 115वीं जयंती पर याद किया. उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. उनका केवल एक ही उद्देश्य था, देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त करना. इस अवसर पर, पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “मैं शहीद भगत सिंह जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनका साहस हमें बहुत प्रेरित करता है. हम अपने राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.”
भारत आज दुनिया के विकसित और ताकतवर देशों के साथ एक मंच पर गर्व के साथ खड़ा नजर आता है। भारतीय नेता, उद्योगपति, खिलाड़ी या कोई आम देशवासी हो, सभी को विश्व के अन्य देशों के नागरिकों की तरह ही समान अधिकार मिले हैं। लेकिन आज भारत जिस मुकाम पर है, उसका सबसे बड़ा श्रेय देश की उन वीर शहीदों और क्रांतिकारियों को जाता है, जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से भारत को आजादी दिलाई। आजादी का मतलब क्या है, यह हमें इसी मिट्टी में जन्में उन क्रांतिकारियों ने समझाया, जिन्होंने भले ही अपनी जान को हंसते हंसते बलिदान कर दिया लेकिन भारत का गर्व कम नहीं होने दिया।

भारत पर कई साल अंग्रेजों ने हुकूमत की। खुद के ही देश में भारतीय अंग्रेजों के नियम कानूनों का पालन करते थे। लेकिन भगत सिंह और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लौ को आग बना दिया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। अंग्रेज भी उनसे डर गए, इसलिए भगत सिंह को तय तारीख से पहले ही गुपचुप तरीके से फांसी दे दी।

कहा जाता है कि जब भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी, तो भी उनके चेहरे पर मुस्कान और गर्व था। आज उसी शहीद भगत सिंह की जयंती है। 28 सितंबर को जन्मे भगत सिंह के निधन वाले दिन को शहादत दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और भाषणों ने गुलाम भारत के युवाओं को आजादी के लिए उकसा दिया और स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल किया।
Edited By Deshhit News