बिहार के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा, क्योंकि नीतीश कुमार को मरने वालों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है।
नई दिल्ली: बिहार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 100 के पार हो चुका है। जी हांं, जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 100 हो गई है। आपको बता दें, पिछले 6 वर्षों में बिहार में 1000 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब पीकर मरने वालों को लेकर एक विवादित बयान दिया है।
भाजपा के विधायकों को नीतिश कुमार ने कहा कि यह सब शराबी है, इन लोगों को भगाओ यहां से, बर्बाद कर देंगे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब पीकर मरने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो पीएगा वह मरेगा और पीने वाला महापापी है। यही नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने वाले को भारतीय मानने से भी इनकार कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जहरीली शराब से पीने वाले को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा, क्योंकि नीतीश कुमार को मरने वालों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने सदन के अंदर बीजेपी के खिलाफ भी कई अपशब्दों का प्रयोग किया। नीतीश कुमार ने भाजपा के विधायकों को कहा कि यह सब शराबी है, इन लोगों को भगाओ यहां से, बर्बाद कर देंगे।
नीतिश कुमार ने जहरीली शराब पीकर मरने वालों को मुआवजा देने से किया इंकार

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि यदि जहरीली शराब से मौत प्रमाणित हो गई तो चार लाख मुआवजा दिया जाएगा। सुशील मोदी ने बताया कि इसी के तहत गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को चार-चार लाख मुआवजा भी दिया गया था तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा? जबकि बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख भुगतान किए जाने का प्रावधान है, स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है।
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