नई दिल्ली: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ससंद में देश का आम बजट पेश करने वाली हैं। भारत में पहली बार साल 2017 में पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में रेल बजट पेश किया था। यही नहीं 93 साल बाद भारतीय बजट के इतिहास में रेल बजट को आम बजट में फिर से शामिल कर लिया गया था। बता दें, साल 2017 से पहले देश में दो तरह के बजट पेश किए जाते थे। पहला रेल बजट और दूसरा आम बजट आम बजट में सरकार देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और आर्थिक विकास से जुड़े कई अहम ऐलान करती है। दूसरी ओर रेल बजट संसद में रेलवे से संबंधित घोषणाओं को अलग से पेश किया गया।
भारत का आम बजट सबसे पहले कब पेश किया गया था ?

भारत में बजट पहली बार 07 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था। स्कॉटिश अर्थशास्त्री और ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनेता ‘जेम्स विल्सन’ ने देश का पहला बजट ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था। – आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्तमंत्री आरके शटमुखम शेट्टी द्वारा पेश किया गया था।
पहला रेल बजट कब पेश किया गया था?

पहला रेल बजट ब्रिटिश सरकार ने 1924 में पेश किया था। तब से हर साल आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट पेश करने की परंपरा चली आ रही थी, जिसे मोदी सरकार ने साल 2017 में बदल दिया है। 2017 में सरकार ने आम बजट और रेल बजट को मिला दिया और उसके बाद साल 2017 के बाद से सिर्फ एक बजट पेश किया गया।
क्या होता है बजट में?

संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण की चर्चा है। इस अनुच्छेद के तहत ही सरकार को अपने हर साल की कमाई और व्यय का लेखा-जोखा देना अनिवार्य होता है। इस अनुच्छेद के अनुसार बजट को पेश करने का अधिकार राष्ट्रपति को है लेकिन राष्ट्रपति खुद बजट पेश नहीं करते, बल्कि अपनी तरफ से किसी मंत्री को बजट पेश करने के लिए कह सकते हैं। देश में हाल ही में यह तब हुआ था, जब 2019 में अरुण जेटली के बीमार होने पर पीयूष गोयल ने वित्त मंत्री न रहते हुए भी बजट पेश किया था।
केवल 1 साल का लेखा- जोखा होता है बजट में
इसमें 1 साल का लेखा-जोखा होता है। इसे पेश करने से पहले एक सर्वे कराया जाता है, जिसमें सरकार की कमाई का अनुमान लगाया जाता है। बजट के द्वारा सरकार अनुमान लगाती है कि उसे प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, रेलवे के किराए और अलग-अलग मंत्रालय के जरिए कितनी कमाई होगी? वहीं सर्वे में यह भी पता लगाया जाता है कि आने वाले साल में सरकार का कितना खर्च अनुमानित होगा। अगर सीधे शब्दों में कहें तो बजट एक साल में होने वाली कमाई और खर्चों का ब्योरा होता है। वित्त मंत्री अपने इन्हीं कमाई और खर्च का ब्योरा बजट भाषण में देते हैं। इसे ही आम बजट या संघीय बजट कहते हैं। बजट की अवधि एक साल की होती है, जो कि हर साल पेश किया जाता है।
भारत का सबसे बड़ा बजट कौन- सा था?

मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020 का बजट भाषण सबसे लंबा बजट भाषण था। यह बजट भाषण दो घंटे चालीस मिनट का था।
भारत का सबसे छोटा बजट कौन- सा था?
वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने सिर्फ 800 शब्दों की बजट स्पीच दी थी। यह भारतीय इतिहास का सबसे छोटा बजट भाषण है।
1 फरवरी सुबह 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है बजट ?

1924 में बजट 28 या 29 फरवरी को पेश किया जाता था, वो भी शाम के 5 बजे। शाम 5 बजे बजट पेश करने के पीछे का कारण था अधिकारियों को आराम देना और यह परंपरा 1999 तक रही। इसके बाद सन 2000 में NDA की सरकार ने यह परंपरा तोड़ी और बजट 1 फरवरी को 11 बजे पेश किया। इसके बाद से अभी तक ऐसे ही बजट पेश होता है। वर्ष 2000 में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे देश का केंद्रीय बजट पेश किया। यह पूरी तरह से भारतीय समयानुसार और भारतीय परंपरा के अनुरूप था।
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