भारत ने 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिल नाडू, महाराष्ट्र और बिहार के 1000-1000 विद्यार्थियों को यूक्रेन के सबसे ज्यादा संघर्ष हो रहे क्षेत्रों से निकाला हैं
नई दिल्ली: एस.जयशंकर ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में कहा कि भारत के 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों केरल,राजस्थान,उत्तर प्रदेश, तमिल नाडू, महाराष्ट्र और बिहार से 1000-1000 विद्यार्थी को निकाला हैं. 15 तारिक को लोकसभा और राज्यसभा में एस.जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति पर अपने बयान में कहा कि 18 देशों से करीब 147 नागरिकों को निकाला गया है. बयान को आगे बढ़ाते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के अनुसार विदेशी नागरिकों को भी युद्ध गृहसित क्षेत्रों से निकाला गया और भारत लाया गया. उनमें 18 देशों के 147 नागरिक शामिल थे. कई यूक्रेनी नागरिक जो भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं, उन्हें भी निकाला गया है.
और यह भी पढ़े- यूक्रेन पर हुए हमले के बीच प्रधानमंत्री ने की हाई लेवल की मीटिंग
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ऑपरेशन गंगा भारत के प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के अनुसार चलाया गया था जिसके चलते यूक्रेन के युद्ध क्षेत्रों से लगभग 22,500 विद्यार्थियों को सुरक्षित भारत लाया गया है. उन्होंने कहा कि हमने 24*7 समय युद्ध पर निगरानी बनाई रखी, प्रधानमंत्री खुद इस मिशन के लिए आगे आये और हमारा मार्गदर्शन किया साथ ही हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, एनडीआरएफ, वायुसेना, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से बेहतरीन समर्थन मिला.
आगे कहा कि आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन में थे जो रूस की सीमा से सटा हुआ है वह सबसे पहले युद्ध का केंद्र था जहाँ रूसी सेना ने सबसे ज्यादा हमले किए थे वहां से भी ऑपरेशन गंगा के तहत हजारों की संख्या में छात्र निकाले गए हैं.
ऑपरेशन गंगा के तहत 90 उड़ानें चलाई गईं, जिनमें से 76 नागरिक उड़ानें थीं और 14 भारतीय वायुसेना की उड़ानें थीं. जो उड़ानें रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया जैसे देशों की सीमाओं से भारतीय नागरिकों और विद्यार्थियों लाया गया है. भारतीय वायुसेना ने इस अवसर पर बड़ी भूमिका निभाई, अधिकांश निजी एयरलाइंस ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसकी वजह से हम इतने नागरिकों को भारत ला पाए.
विदेश मंत्री ने कहा कि फरवरी से हमने यूक्रेन में भारतीय लोगों के लिए पंजीकरण शुरू करवा दिया था जिसमें लगभग 20,000 लोगों ने उसमें पंजीकरण करवाया था उसके बाद हम अब तक यूक्रेन से 22,500 नागरिक और विद्यार्थियों को लेकर आ चुके हैं.