नई दिल्ली: कांंग्रेस नेता राहुल गाँधी पर मानो जैसे संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। 23 मार्च को ही मोदी सरनेम मामले में दोषी मानते हुए सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी। जिसके फलस्वरुप जब तक कि कोई हाई कोर्ट राहुल गाँधी की सजा पर रोक नहीं लगाता तब तक वह आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। संसद से अयोग्य घोषित हो जाने के बाद राहुल गांधी को उनके सरकारी आवास को 22 अप्रैल तक खाली करने के निर्देश दे दिए गए। इसके बाद राहुल गांधी का वायनाड स्थित ऑफिस का सरकारी फोन नंबर भी डिस्कनेक्ट कर दिया गया और अब राहुल गांधी एक और मानहानि के मामले में फंस गए हैं। राहुल गाँधी को खिलाफ मानहानि का यह केस सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने दर्ज कराया है।
सात्यकी सावरकर ने क्यों कराया है राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज

सात्यकी सावरकर का आरोप है कि राहुल गांधी ने झूठे आरोप लगाकर सावरकर का अपमान किया है। उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को आधार बनाकर पुणे में मानहानि का केस दर्ज कराया है। लंदन में राहुल ने दावा किया था कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि वे और उनके 5 से 6 दोस्तों ने एक मुस्लिम की पिटाई की थी। उनको बहुत अच्छा लगा था। सात्यकी सावरकर ने इस कहानी को राहुल गांधी की मनगढ़ंत कहानी बताते हुए इसे सावरकर का अपमान बताया है। सात्यकी सावरकर ने आगे कहा कि हमने अदालत का रुख किया है। कोर्ट ने हमें 15 अप्रैल की तारीख दी है।
कौन थे वीर सावरकर ?

वीर सावरकर पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। वह भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें स्वातंत्र्यवीर ,वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता था। हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। वह एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने के प्रयास किये एवं इसके लिए आन्दोलन चलाये। उन्होंने भारत की एक सामूहिक “हिंदू” पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा। उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद, प्रत्यक्षवाद, मानवतावाद, सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक कट्टर तर्कबुद्धिवादी व्यक्ति थे। जो सभी धर्मों के रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे। सावरकर गाय को पूजनीय नहीं मानते थे, कहते थे सिर्फ एक उपयोगी पशु है। इनका जन्म 28 मई 1883 और मृत्यु 26 फ़रवरी 1966 को हुआ था।
इस मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गाँधी को ठहराया है दोषी

बता दें, राहुल के जिस बयान की वजह से उन्हें सजा मिली है, उसमें उन्होंने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी होता है?’ 13 अप्रैल, 2019 को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ये बयान दिया था। जिसके बाद राहुल के इस बयान पर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अलावा इसी मामले में पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने 18 अप्रैल 2019 को मानहानि का मुकदमा दायर किया था।