नई दिल्ली: शुक्रवार को बीजेपी प्रवक्ता सुधांशू त्रिवेदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला। आज सुधांशू त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रें में सुधांशु त्रिवेदी दिल्ली शराब घोटाले मामले में बोले। सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉफ्रेंस में केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले में खुद केजरीवाल भी शामिल हैं।
ये सारे मौसेरे भाई भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जनता के बीच में फैला रहे हैं भ्रम – सुधाशूं त्रिवेदी

सुधाशूं त्रिवेदी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी उस कुंए का पानी पी रही है। जिसमें भांग पड़ी हुई है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, 10 वर्ष के कम अंतराल में पूरे भारत की राजनीति में किसी भी राजनीतिक दल के चाल, चरित्र, चिंतन और चेहरे में इतना बड़ा बदलाव नहीं आया है, जितना नई राजनीति के स्वयंभू बनकर आई पार्टी ने अपने मूल्यों में परिवर्तन करके दिखाया है। सुधाशूं त्रिवेदी ने आगे कहा, आप कई महीनों से कभी इस मुद्दे का सहारा लेकर तो कभी उस मुद्दे का सहारा लेकर ऐसा शोर-शराबा करना चाहते हैं। जिससे वह सच को दबा सकें या झुठला सकें। इसी शोर-शराबे में दिल्ली को शराब में डुबो देने वाले लोग बचकर निकलने का प्रयास कर रहे हैं। त्रिवेदी ने आगे कहा कि नई-नवेली पार्टी से लेकर पुरानी पार्टी तक ये सारे मौसेरे भाई आपस में मिलकर अपने-अपने परिवार को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जनता के बीच में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
शराब घोटाले मामले में अब तक 15 लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार

बता दें, दिल्ली शराब नीति मामले में 15 लोग आरोपी है। जिनमें मनीष सिसोदिया, अरवा गोपी कृष्णा, आनंद तिवारी, पंकज भटनागर, विजय नायर, मनोज राय, अमनदीप धल, समीर महेंद्रू, अमित अरोड़ा, बडी रिटेल प्राइवेअ लिमिटेड, दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर्स, सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई, अर्जुन पांडेय, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट पर्सन शामिल हैं। इनमें 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन इन सब गिरफ्तारी में सबसे बड़ी गिरफ्तारी मनीष सिसोदिया की है।
मनीष सिसोदिया को इन आरोपों के चलते किया गया है गिरफ्तार

- कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई।
- एल-1 के टेंडर में शामिल एक कंपनी की 30 करोड़ रुपये की अर्नेस्ट डिपॉजिट मनी कंपनी को वापस कर दी गई।
- विदेशी शराब और बियर के केस पर मनमाने ढंग से 50 रुपये प्रति केस की छूट दी गई, जिसका फायदा कंपनियों ने उठाया।
- एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोन के ठेके दे दिए गए।
- कार्टल पर पाबंदी के बावजूद शराब विक्रेता कंपनियों के कार्टल को लाइसेंस दिए गए।
- बिना एजेंडा और कैबिनेट नोट सर्कुलेट कराए कैबिनेट में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पास करवाए गए।
- शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर 3 की गई।
- मास्टर प्लान के नियमों का उल्लंघन करते हुए नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी गई।
- ठेकेदारों का कमीशन 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।
- दो जोनों में शराब निर्माता कंपनी को रिटेल सेक्टर में शराब बेचने की इजाजत दी गई।
- एलजी की मंजूरी लिए बिना दो बार पॉलिसी को एक्सटेंड किया और मनमाने तरीके से डिस्काउंट ऑफर दिए गए, जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा।
- नई पॉलिसी लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया।
- टेंडर जारी होने के बाद 2021-22 में लाइसेंस हासिल करने वालों को कई तरह के गैरवाजिब लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर तय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया।
क्या है शराब घोटाला मामला?

नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने बड़े जोर-शोर से नई आबकारी नीति लॉन्च की। इससे दिल्ली में शराब काफी सस्ती हो गई और रिटेलर्स को डिस्काउंट देने की छूट भी मिली। हालांकि, बीजेपी ने आरोप लगाए कि शराब लाइसेंस बांटने में धांधली हुई। चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया। जुलाई 2022 आते-आते आंच इतनी तेज हो गई कि उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांग ली। रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच को एलजी ने मंजूरी दे दी। उसी केस की जांच करते हुए सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया है।
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