ल.के. आडवाणी ने अपने जीवन की घटना तथा राजनीतिक सफर को “माइ कंट्री माइ लाइफ” (My country My Life) नामक पुस्तक के जरिये बताया है। इस किताब का विमोचन भारत के 11वें राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा 2008 में किया गया।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एल. के. आडवाणी का जन्म कराची के सिंधी परिवार में 8 नवम्बर 1927 में हुआ था। उनके पिताजी एक व्यापारी थे। उनके पिता का नाम श्री किशनचंद आडवाणी तथा माता का नाम श्रीमती ज्ञानी देवी था। कराची में रहने के बाद भारत-पाकिस्तान बँटवारे में यह परिवार पाकिस्तान से मुंबई (भारत) आ कर बस गया। एल. के. आडवाणी की स्कूली शिक्षा संत पेटरिक्स हाई स्कूल, कराची से हुई। फिर उन्होंने हैदराबाद के के. डी. जी. कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। पाकिस्तान से भारत आने पर उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी के गवर्नमेंट लॉं कॉलेज से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की। सन 1965 में फरवरी में एल. के. आडवाणी जी का विवाह कमला देवी से हुआ। इस दंपति की दो सन्तानें थी। उनके पुत्र का नाम जयंत आडवाणी तथा पुत्री का नाम प्रतिभा आडवाणी है। श्री आडवाणी की पत्नी का हृदयाघात से अचानक अप्रैल 2016 में निधन हो गया।
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एल. के. आडवाणी राजनीतिक सफर

Ale. Of. Advani
राजनैतिक पार्टी (Political Party) | 1. जन संघ (1955 से 1977 ) 2. जनता पार्टी (1977 से 1980) 3. भारतीय जनता पार्टी (1980 से अबतक) |
पार्टी में योगदान | काफी कम उम्र में ही RSS से जुड़े 1955 में भारतीय जन संघ से जुड़े भारतीय जन संघ के अध्यक्ष चुने गए – 1973 भाजपा के पार्टी अध्यक्ष चुने गए – 1986 से 1991 भाजपा के पार्टी अध्यक्ष चुने गए – 1993 से 1998 2013 में अपने सभी कार्यभार से अचानक स्तीफा दिया। |
विधान परिषद/ विधानसभा | राज्य सभा/लोकसभा | दिल्ली से राज्यसभा सदस्य – 1970 गुजरात से राज्यसभा सदस्य – 1970 मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भाजपा का नेतृत्व – 1982 लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित – 1989 लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित – 1991 लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित – 2004 छटवीं बार लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित – 2009 फिर से लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित – 2014 |
महत्वपूर्ण पदभार | 13 महीनो के लिए गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला – 1998 दुबारा गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला – 1999 से 2004 उप प्रधानमंत्री का कार्यभार – 2002 से 2004 |
आडवाणी जी की रथ यात्राएं
देश की राजनीति में सर्वाधिक यात्राएं निकालने वाले आडवाणी ही एकमात्र नेता हैं। उनके नेत्रत्व में 6 बड़ी बड़ी यात्राएं हुई, जिन्होंने भाजपा को राजनीति में बहुत मदद की। यात्राओं के सफल होने का श्रेय एल.के. आडवाणी को ही जाता है। आडवाणी को रथ यात्रा का नेता भी कहा जाता है। आडवाणी जी के अनुसार, रथ यात्रा एक धार्मिक यात्रा होती है, जो देश के प्रति राष्ट्रीय धर्म को जगाती है।
1. राम रथ यात्रा :

आडवाणी जी ने अपनी सबसे पहली रथ यात्रा को नाम दिया “राम रथ यात्रा”। आडवाणी जी के नेत्रत्व में यह यात्रा गुजरात के सोमनाथ मंदिर से 25 सितम्बर 1990 से प्रारंम्भ होकर 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंची। इस यात्रा का मुख्य मुद्दा “राम मंदिर निर्माण” था। कोई इस यात्रा को राजनीतिक चाल समझ रहा था, तो कोई इसे भारत के लिए राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत जुलूस मान रहा था। राजनीतिक चाल मानते हुए इस यात्रा को उत्तर प्रदेश तथा बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह व लालू प्रसाद यादव ने इसे रोक दिया। उनका मानना था कि यह यात्रा भारत की सांप्रदायिकता को प्रभावित करती है लेकिन इन सब बातों का भाजपा तथा उसकी रथ यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और आडवाणी के नेत्रत्व में हुई इस यात्रा से भाजपा सशक्त हुई और 1991 के चुनाव के दौरान भाजपा, काँग्रेस के बाद सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली पार्टी रही।
2. जनादेश यात्रा :
भारत के चार कोनों से सितंबर 1993 में यह यात्रा शुरू हुई। आडवाणी जी ने मैसूर से इस यात्रा की अगुवाई की। भारत के 14 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेश से होती हुई, यह यात्रा 25 सितंबर को भोपाल में मिली। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के नागरिक को उसके अपने धर्म को मानने से संबंधित दो बिलों को पारित करवाना था।
3. स्वर्ण जयंती रथ यात्रा :

भारत की आजादी की 5वीं सालगिरह के अवसर पर आडवाणीजी ने स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का आगाज किया। इस यात्रा के द्वारा पूरे भारत में आजादी का जश्न मनाया गया। इस यात्रा को आडवाणी जी ने मई 1997 से जुलाई 1997 तक पूरी की। इस यात्रा द्वारा देश की आजादी में शहीद होने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आडवाणी जी ने इस यात्रा को स्वर्ण जयंती रथ यात्रा –राष्ट्र भक्ति की तीर्थ यात्रा” का नाम दिया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के दिल में राष्ट्र भक्ति की भावना जगाना था।
4. भारत उदय यात्रा :
2004 में अटल बिहारी वाजपाई की सरकार के दौरान देश की कई क्षेत्र में उन्नति हुई। भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। इसी कारण आडवाणी ने भारत उदय यात्रा निकालते हुए कहा, कि भाजपा सरकार के समय भारत का उदय हुआ है और इस यात्रा द्वारा भारत की उन्नति का जश्न मनाया गया। यह यात्रा मार्च 2004 में आडवाणी के नेतृत्व में निकाली गयी।
5. भारत सुरक्षा यात्रा :
मार्च 2006 में वाराणसी के हिन्दू तीर्थ स्थान पर बम धमाके हुए थे। इसके भाजपा सरकार ने केंद्र में बैठी काँग्रेस को गैर जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाए, कि काँग्रेस सरकार देश की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है। इसी के विरोध में आडवाणी ने 6 अप्रैल 2006 से 10 मई 2006 तक “भारत सुरक्षा यात्रा” निकाली। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, अल्पसंख्यक पर राजनीति, प्रजातन्त्र की रक्षा तथा महंगाई के प्रति सजग करना था।
6. जन चेतना यात्रा :

भाजपा के नेता श्री जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थाली सिताब दायरा, बिहार से शुरू हुई जन चेतना यात्रा की अगुवाई एल.के. आडवाणी ने अक्टूबर 2011 से की। कॉंग्रेस सरकार के दौरान देश में फैल रहे भ्रष्टाचार के विरोध में यह यात्रा निकाली गयी। यह यात्रा बहुत ही बड़ी एवं सफल साबित हुई। इसमें दिल्ली के रामलीला मैदान पर भाजपा तथा एन.डी.ए. के कई दिग्गज नेता भी शामिल हुए। आडवाणी जी ने इस यात्रा को उनकी सबसे सफल यात्रा बताया।
लेखन:
एल.के. आडवाणी ने अपने जीवन की घटना तथा राजनीतिक सफर को “माइ कंट्री माइ लाइफ” (My country My Life) नामक पुस्तक के जरिए बताया है। इस किताब का विमोचन भारत के 11वें राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा 2008 में किया गया। इस किताब में 1040 प्रष्ठ हैं, जो कि आडवाणी के जीवन की घटनाओं को चरितार्थ करते हैं।
श्री एल.के.आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने पार्टी के लिए हमेशा अपना अनुभव तथा योगदान दिया। उनका भाजपा के प्रति किया गया समर्पण ही भाजपा को इस मुकाम तक लाया है। आडवाणी जी एक कुशल नेता हैं। उन्हें 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जब तक वे भाजपा के साथ हैं। भाजपा को उनके अनुभव का लाभ मिलता रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह ने आडवाणी को घर जाकर दी बधाई

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है। वह 95 साल के हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई देने उनके आवास पर पहुंचे हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें बधाई दी है। दोनों नेताओं के आडवाणी से मिलने की कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी काफी उत्साह से लाल कृष्ण आडवाणी को बधाई देते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान उन्हें गुलदस्ता भी भेंट किया। इसके बाद दोनों नेताओं ने बैठकर आपस में बातचीत भी कीं।
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