हीराबेन मोदी जी को मिले ‘राष्ट्रमाता’ का सम्मान, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की पूज्य माताश्री स्वर्गीय हीराबेन मोदी जी को देश की तरफ से यही होगी सच्ची श्रद्धांजलि. ओम शांति।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की मां हीराबा का 100 वर्ष की उम्र में आज सवेरे निधन हो गया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के गुजर जाने के बाद ही देशभर से आम और खास सभी लोग अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्ति कर रहें है सिर्फ देश ही नहीं विदेशों से भी शोक संवेदनाएं प्रकट की जा रही है। चाहे पाकिस्तान हो या जापान लेकिन इसी बीच अखिल भारतीय हिंदू महासभा और संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने पीएम मोदी की मां को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग कर डाली है और यह मांग इस वक्त की गई है जब पीएम मोदी सदमे में है हालांकि, मां को गुजर जाने के बाद पीएम मोदी ने किसी भी प्रोग्राम को पोस्टपेड नहीं किया। चाहे वीडियो कार्यक्रम के जरिए हो या फिर फोन या कॉल के जरिए हो।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा और संता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा….

अखिल भारतीय हिंदू महासभा और संता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि की मांग सामने आई है। उन्होंने ट्विटर पर संवेदना व्यक्ति करते हुए कहा की। पीएम मोदी की मां के निधन पर संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया, ”हीराबेन मोदी जी को मिले ‘राष्ट्रमाता’ का सम्मान, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की पूज्य माताश्री स्वर्गीय हीराबेन मोदी जी को देश की तरफ से यही होगी सच्ची श्रद्धांजलि. ओम शांति।”
कौन है स्वामी चक्रपाणि ?

स्वामी चक्रपाणि एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और तपस्वी हैं, जो हिंदू महासभा के अध्यक्ष होने का दावा करते हैं, लेकिन उच्च न्यायालय के अनुसार चक्रपाणि हिंदू महासभा के अध्यक्ष नहीं हैं, जो भारत में लंबे समय से हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है। चक्रपाणि जाति से कायस्थ हैं। उनका उपनाम श्रीवास्तव है। उन्होंने कैसे और किस आधार पर महाराज की उपाधि धारण की यह ज्ञात नहीं है। बताया जाता है कि हाल ही में कोरोना के समय में चक्रपाणि ने गोमूत्र पार्टी का आयोजन किया था जहां कोरोना वायरस से बचाव के लिए गोबर के उपले काटे काटे गए थे।
विवादित बयानों के लिए फेमस है स्वामी चक्रपाणी

बताया जाता है कि भारतीय मीडिया में बने रहने के लिए स्वामी चक्रपाणि हमेशा विवादित बयान देते रहते हैं। इसमें उनका मकसद टीआरपी पाने का है लेकिन ये भी सच है कि दिग्विजय सिंह जैसे कुछ कांग्रेसी नेताओं ने चक्रपाणि की काफी मदद की है ताकि वह हिंदू धर्म का उपहास करना संभव बनाने के लिए अवैज्ञानिक और अतार्किक दावे करना जारी रख सकें। उन्हें समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव का भी करीबी माना जाता है।
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