नई दिल्ली: 24 मार्च को मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल का सजा सुनाई थी और उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता 8 साल के लिए रद्द कर दी थी। जिसके फलस्लरुप राहुल गांधी 8 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाने के बाद तुरंत उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। सजा सुनाने के 11 दिन बाद राहुल गांधी ने सूरत की निचली अदालत के खिलाफ ऊपरी अदालत में याचिका लगाई थी और आज राहुल गांधी को ऊपरी कोर्ट से मानहानि मामले में जमानत मिल गई है। बता दें, यह जमानत उनको केवल और केवल 13 अप्रैल तक के लिए मिली है। राहुल की सजा के खिलाफ चुनौती पर अब 3 मई को अगली सुनवाई होगी। राहुल गांधी के लिए राहत वाली बात ये है कि उन्हें 13 अप्रैल को कोर्ट में पेश नहीं होना होगा।
क्या ये न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है – संबित पात्रा

मानहानि केस में कोर्ट की सजा के खिलाफ याचिका दायर करने जा रहे राहुल के साथ कांग्रेस नेताओं की बड़ी फौज भी सूरत पहुंची थी। जिसको लेकर भाजपा ने निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे नौटंकी करार दिया और कहा कि ये सब लोग अपील के नाम पर हुड़दंग करने जा रहे हैं। संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और राहुल से सवाल किया कि क्या ये न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है? वहीं, कानून मंत्री और भाजपा नेता कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी जो कर रहे हैं वह भी अपीलीय अदालत पर दबाव बनाने की बचकानी कोशिश है। देश की सभी अदालतें ऐसे हथकंडों से अछूती हैं।’
न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं बना सकता – सुखविंदर सिंह सुक्खू

रिजिजू के बयान पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं बना सकता। हम सूरत जा रहे हैं। कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है और राहुल गांधी हमारी पार्टी के बड़े नेता हैं। यह कोई राजनीतिक नाटक नहीं है। हम उनके साथ खड़े हैं।’ वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम अदालत के फैसले पर बहस नहीं कर सकते लेकिन हम केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ सकते हैं।
बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के बयान के खिलाफ कराया था केस दर्ज

बता दें, सूरत की निचली अदातल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी करने पर दो साल की सजा सुनाई थी।मानहानि के मामले में सूरत की अदालत ने जिस केस में उन्हें दोषी ठहराया था, वो चार साल पुराना है। दरअसल, 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी के इस बयान के बाद बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान से हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। बता दें, इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने भी हाल ही में राहुल गांधी के बयान के खिलाफ पटना में केस दर्ज कराया था। जिस पर जिले की निचली अदालत ने राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।
जमानत मिलने के बाद राहुल ने ट्वीट कर कर कहा ….

बता दें, आज जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल, कोर्ट से राहुल गांधी को जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा।
मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं – राहुल गांधी का ट्वीट

वहीं, एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा- मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
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