रैपिड शतरंज प्रतियोगिता एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में कुछ ऐसा चमत्कार हुआ, जिससे पूरा भारत देश आज अपने 16 साल के चेस ग्रैंडमास्टर पर गर्व महसूस कर रहा है. लिटिल ग्रैंडमास्टर आर प्रगाननंदा ने वर्ल्ड चैंपियन मैगनस कार्लसन को हरा कर इतिहास रच दिया और इसी के साथ प्रज्ञानानंद ऐसे तीसरे भारतीय बन गए हैं जिसने कार्लसन को हराया हो.
एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में कार्लसन से मैच के दौरान के भयानक गलती हो गई, जिसका फायदा उठाती हुए भारत के 16 वर्ष के इस ग्रैंडमास्टर ने मेहनत की और जीत दर्ज करके पूरे देश को गौरवान्वित महसूस करवाया. यह नार्वे के खिलाफ शतरंज के किसी भी रूप में प्रगाननंदा की पहली जीत थी और लगातार तीन गेम हारने के बाद आई थी.
इस जीत के साथ ही हर कोई इस छोटे ग्रैंडमास्टर के टैलेंट की सराहना कर रहा है. इंडियन चेस ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने इस खबर पर रिएक्ट करते हुए कहा: “हमे अपनी प्रतिभा पर गर्व है! @rpragchess के लिए एक बहुत अच्छा दिन.”
आपको बता दें की प्राग विश्वनाथन आनंद को अपना आदर्श मानते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, भारतीय क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने भी प्रगाननंदा के सराहना करते हुए ट्वीट किया: “प्राग के लिए यह कितना अद्भुत अहसास रहा होगा। 16 साल की उम्र में अनुभवी मैग्नस कार्लसन को हराना, वो भी काले रंग से खेलते हुए जादुई है! आगे के लंबे और सफल शतरंज करियर के लिए शुभकामनाएं। आपने भारत को गौरवान्वित किया है!”
साथ ही भारत सरकार ने भी प्राग के टैलेंट को चिन्हित करते हुए प्रोत्साहन दिया है. भारत सरकार के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल My Government India से ट्वीट किया गया: “भारत के लिए गर्व और समारोह का क्षण! #AirthingsMasters रैपिड ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट के आठवें दौर में दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन के खिलाफ शानदार जीत के लिए 16 वर्षीय ग्रैंडमास्टर प्राग को बधाई.”
प्राग का पूरा नाम रमेशबाबू प्रगाननंदा है और उनका जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था. प्राग प्रसिद्ध भारतीय शतरंज खिलाड़ी वैशाली रमेशबाबू के भाई हैं.