घर की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ने का मौका नहीं मिला लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में भी काम करने के लिए तैयार हो गईं।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ हीराबेन का जन्म वर्ष 1920 में गुजरात में हुआ था, वर्तमान में यह वडनगर, मेहसाणा गुजरात में रहती है, 18 जून को इन्होंने अपनी उम्र के 100 साल भी पूरे किये हैं। बहुत कम उम्र में ही हीराबेन मोदी का विवाह दामोदर दास मूलचंद मोदी के साथ हुआ था। दामोदर दास मूलचंद मोदी अब इस दुनिया में नहीं हैं। हीराबेन मोदी के पांच बेटे और एक बेटी हैं।
छोटी उम्र में ही हो गई थी हीराबेन की शादी

हीराबेन मोदी के पहले और सबसे बड़े बेटे का नाम सोमा मोदी है। सोमा मोदी गुजरात में हेल्थ डिपार्टमेंट में कार्यरत थे, अब रिटायर हो चुके हैं। वहीं उनके दूसरे बेटे का नाम अमृत मोदी है। अमृत मोदी मशीन ऑपरेटर का काम करते थे। उनके तीसरे बेटे नरेंद्र मोदी हैं, जो भारत देश के प्रधानमंत्री हैं। मोदी कहते हैं कि उनके जीवन की सफलता में उनकी माता का सबसे बड़ा योग्यदान रहा है। वहीं उनके चौथे बेटे का नाम प्रह्लाद मोदी है, जो एक दुकान चलाते हैं। हीराबेन के सबसे छोटे बेटे का नाम पंकज मोदी है, जो गुजरात सरकार के सूचना विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। वहीं हीराबेन की एक बेटी भी हैं, जिनका नाम वासंतीबेन हसमुखलाल मोदी है।
कठिन अनुशासन को फॉलो करने वाली महिला है, हीराबेन

हीराबा के लंबे समय तक जीने का राज उनके द्वारा किया गया संघर्ष है। शुरुआती जीवन से लेकर अब तक हीराबा की दिनचर्या काफी अनुशासित रही है। पीएम मोदी अभी भी अपनी मां से सीख लेने की कोशिश करते हैं। हीराबा का जन्म पालनपुर में हुआ था, शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गई थीं। हीराबा की उम्र महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी। घर की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ने का मौका नहीं मिला लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में भी काम करने के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए। हीराबा चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़ लिखकर शिक्षित बने।
सभी तरह के घरेलू उपचार जानती है हीराबेन

पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने एक साक्षात्कार में बताया कि मां हीराबा सभी तरह के घरेलू उपचार जानती थीं। वडनगर के छोटे बच्चों और महिलाओं का इलाज करती थीं। कई महिलाएं अपनी परेशानी दूसरों को बताने के बजाय हीराबा को बताती थीं। मेरी मां जरूर अनपढ़ थीं लेकिन पूरा गांव उन्हें डॉक्टर कहता था।
हीराबेन को आइसक्रीम है बेहद पंसद

प्रह्लाद मोदी ने बताया कि उनकी मां सुबह और शाम दो बार कुएं से पानी खींचकर लाती थीं। कपड़े धोने के लिए तालाब जाती थीं। उन्होंने अधिकांश समय घर का ही खाना खाया। बाहर के खाने से परहेज किया करती थीं। मां हीराबा को आइसक्रीम काफी पसंद है। वह इसके लिए कभी मना नहीं करतीं। वह हमेशा कामों में व्यस्त रहती थीं। उनकी दिनचर्या सुबह चार बजे से शुरु हो जाती थी। जिसके बाद वह सबसे पहले घर का काम निपटाती थीं। फिर दूसरों के घरों में काम करने जाती थीं। वह बच्चे को पालने के लिए काफी कठिन मेहनत कीं।
बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था हीराबेन ने

हीराबा के 100वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में जानकारी देते हिए कहा था कि उनकी मां हीराबेन का जन्म गुजरात के मेहसाणा के विसनगर के पालनपुर में हुआ था, जो वडनगर के काफी करीब है। छोटी सी उम्र में, मां ने अपनी मां को स्पेनिश फ्लू महामारी में खो दिया। हीराबेन को अपनी माँ का चेहरा या उनकी गोद का आराम भी याद नहीं है। उसने अपना पूरा बचपन अपनी माँ के बिना बिताया। वह अपनी मां की गोद में हम सब की तरह आराम नहीं कर सकती थी। वह स्कूल भी नहीं जा सकती थी और पढ़ना-लिखना सीख सकती थी। उनका बचपन गरीबी और अभावों में बीता।
100 साल की उम्र में भी स्वस्थ जीवन जी रही थी हीराबेन

मोदी की तरह हीराबा की बेहतरीन सेहत पर हमेशा बात होती है। 100 साल की उम्र में भी किसी भी बीमारी मुक्त हीराबा की फिटनेस और सेहत युवाओं के लिए सीख लेने वाली बात है।
Edit By Deshhit News