नई दिल्ली: आज पूरा भारत अपना 17 वां प्रवासी भारतीय दिवस मना रहा है। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में की थी। हालांकि, इस दिन का इतिहास 1915 से जुड़ा हुआ है। जाने माने भारतीय कवि स्वर्गीय लक्ष्मीमल सिंघवी ने पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना की थी। उनकी अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्च समिति की सिफारिशों के अनुसार इस दिन को मनाने का फैसला लिया। फिर 2003 में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।
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9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का क्या है कारण ?
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की थी और स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की। महात्मा गांधी को प्रवासी माना जाता था। ऐसे में दक्षिण भारत से लौटे महात्मा गांधी ने जब देश की आजादी में अपना योगदान दिया तो उनकी याद में इस दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
पीएम मोदी ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में किया प्रतिभाग
इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में सोमवार को हिस्सा लिया और 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया। अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चार साल के बाद इस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। आज भारत को आशा और जिज्ञासा की दृष्टि से देखा जा रहा है। वैश्विक मंच पर भारत की आवाज सुनी जा रही है, भारत इस साल के जी20 का मेजबान भी है। हम इसे केवल एक कूटनीतिक घटना नहीं बनाना चाहते, बल्कि लोगों की भागीदारी का कार्यक्रम बनाना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं। दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास होता है।
हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है -पीएम मोदी
पीएम ने आगे कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो Mother of Democracy होने का भारतीय गौरव और बढ़ जाता है। हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे ‘सशक्त और समर्थ भारत’ की आवाज भी सुनाई देती है।
हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशो भुवनत्रयम् अर्थात् हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है, मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। उन्होंने आगे कहा कि हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने करके दिखाया।
मैं सभी भारतीय प्रवासियों को भारत का ब्रांड एंबेसडर कहता हूं – पीएम मोदी
17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी भारतीय प्रवासियों को भारत का ब्रांड एंबेसडर कहता हूं। भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में आपकी भूमिका विविध है। आप मेक इन इंडिया, योग, हस्तशिल्प उद्योग और साथ ही भारत के बाजरा के ब्रांड एंबेसडर हैं।
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