15 जनवरी 2023 को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगा मकर संक्राति मनाने का पुण्य काल।

14 Jan, 2023
Deepa Rawat
Share on :

नई दिल्ली: हर साल के पहले त्यौहार के रुप में हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है। देशभर में विभिन्न तरीके से मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है लेकिन इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व को लेकर लोग थोड़ी कशमकश में हैं कि वे किस दिन मंकर संक्राती का पर्व मनाए। तो चलिए हम आपकी कशमकश को दूर करते हुए यह बताते है कि मकर संक्रांति का पर्व किस दिन मनाना शुभ रहेगा। जानिए- मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, पुण्य काल सहित सबकुछ।

ये भी पढ़े: भारत में निर्मित पहला रिवरशिप क्रूज गंगा विलास अपने 51 दिनों के सफर पर निकला!

किस दिन मकर संक्रांति 2023 मनाना रहेगा शुभ ?

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में उदया तिथि के कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी लेकिन भारत के कई राज्यों में आज यानि 14 जनवरी का पर्व मनाया जा रहा है।

कब है मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त ?

Makar Sankranti 2023: 14 या 15 जनवरी? यहां जानें मकर संक्रांति की सही डेट, शुभ  मुहूर्त और पूजन विधि - Makar Sankranti 2023 date makar sankranti kab hai  khichdi daan and shubh muhurat tlifdg - AajTak

14 जनवरी को मकर संक्राति मनाने के शुभ मूहूर्त दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 51 मिनट तक होगा वहीं, 15 जनवरी 2023 को मकरसंक्राति मनाने का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक होगा।

मकर संक्रांति 2023 मनाने की पूजा विधि

Makar Sankranti 2023 Puja Vidhi snan daan surya dev pujan shubh muhurat and  importance in hindi- मकर संक्रांति के दिन इस विधि के साथ करें पूजा, भगवान  सूर्य बनाएंगे निरोग, घर में

मकर संक्रांति के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। अगर आप गंगा स्नान कर लें, तो आप भी बेहतर है लेकिन किसी कारणवश गंगा स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। स्नान करने के बाद भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल, थोड़ा तिल, सिंदूर, अक्षत और लाल रंग का फूल डालकर अर्घ्य दें। इसके साथ ही भोग लगाएं। पूजा पाठ करने के बाद अपनी योग्यता के अनुसार दान करें।

मकर संक्रांति का महत्व

क्या आप जानते हैं मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान करते हैं उसके सारे पाप धुल जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है। मकर संक्रांति के दिन ही मां गंगा ने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया था।इसके अलावा इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे। इस दिन ही भीष्म पितामह को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। मकर संक्रांति का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। मकर संक्रांति के दिन ही भारत में किसान अपनी फसल काटते हैं। यह त्यौहार हर साल 14 या 15 जनवरी को ही मनाया जाता है।

मकर संक्रांति पर इन चीजों का दान करना रहेगा बेहद शुभ

मकर संक्रांति पर जरूर करें इन चीजों का दान, साल भर होगी धनवर्षा, मिलेगी  अपार कामयाबी | Donate these things on Makar Sankranti, there will be  prosperity throughout the year, you will

मकर संक्रांति के दिन मुहूर्त पर अन्न, तिल, गुड़, वस्त्र, कंबल, चावल, उड़द की दान, मुरमुरे के लड्डू आदि का दान करें। ऐसा करने से सूर्य के साथ-साथ शनिदेव भी प्रसन्न होंगे।

क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?

Happy Makar Sankranti Pongal Bihu and Uttarayan Wishes Whatsapp Quotes  Facebook Status In Hindi

इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथा और वैज्ञानिक कारण हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध कथा मां गंगा, राजा भगीरथ और राजा सगर के पुत्रों से जुड़ी है। कथा के अनुसार, कपिल मुनि पर देवराज इंद्र के घोड़े चोरी करने का झूठा आरोप राजा सगर के पुत्रों ने लगाया था। जिससे क्रोधित होकर कपिल मुनि राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को श्राप दिया और वे जलकर भस्म हो गए थे। जब इस बात की जानकारी राजा सगर को हुई तो उन्होंने कपिल मुनि से क्षमा मांगी। उनकी क्षमा याचना पर कपिल मुनि ने उन्हें एक उपाय सुझाया कि आपको मां गंगा को कैसे भी करके पृथ्वी पर लाना होगा। इसके लिए राजा सगर के पोते अंशुमान और उनके बाद राजा भगीरथ ने कड़ी तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर मां गंगा प्रकट हुईं। उन्होंने मां गंगा से कपिल मुनि के आश्रम तक आने का अनुराध किया। जिसके बाद मां गंगा ने सगर पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। उस दिन मकर संक्रांति थी।


deshhit news
Dharma AasthaHappy Makar SankrantiMakar SankrantiMakar Sankranti 2023 ka shubh Muhurutmakar sankranti 2023 ka shubh muhurut kab haiMakar sankranti 2023 mai kb haiMakar sankranti 2023 mai kb thiMakar sankranti 2023 mai kis din manayi jayegimakar sankranti 2023 mai kisse din mnana rahega behad shubhMakar Sankranti festival

Edit By Deshhit News

News
More stories
भारत में निर्मित पहला रिवरशिप क्रूज गंगा विलास अपने 51 दिनों के सफर पर निकला!
%d bloggers like this: