अब बच्चे ए फॉर ऐप्पल नहीं बल्कि अर्जुन और बी फॉर बॉल नहीं बल्कि… पढ़ेंगे, लखनऊ में स्कूल ने बदले डालें ABCD के मतलब

01 Nov, 2022
देशहित
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अमीनाबाद इंटर कॉलेज की तरफ से जारी की गई किताबों का मकसद स्टूडेंट्स को बच्चों को भारत के इतिहास और पुराण से जुड़ी जानकारी देना है।

नई दिल्ली: हम सब ने स्कूल में अपनी पढ़ाई की शुरुआत ‘ए’ फॉर एप्पल और ‘बी’ फॉर बॉल पढ़कर की है। हालांकि, उत्तर – प्रदेश के एक स्कूल में अब ऐसा नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा स्कूल है, जिसने अंग्रेजी अल्फाबेट के लैटर्स में बड़ा बदलाव किया है। लखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज में बच्चों को अंग्रेजी की वर्णमालाओं से ऐतिहासिक और पौराणिक ज्ञान प्रदान करने का चलते यह बदलाव किया है।

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भारतीय संस्कृति के ज्ञान के बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है

अमीनाबाद इंटर कॉलेज की तरफ से जारी की गई किताबों का मकसद स्टूडेंट्स को बच्चों को भारत के इतिहास और पुराण से जुड़ी जानकारी देना है। स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया, ‘बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में कम ज्ञान होता है। इसलिए उनका ज्ञान बढ़ाने के लिए हमने ऐसा किया है। उन्होंने बताया कि, ‘हम ऐसा हिंदी की वर्णमालाओं में भी करने का प्रयास कर रहे हैं। हिंदी वर्णमाला में अक्षर ज्यादा होते हैं, इसलिए थोड़ा कठिन हो रहा है लेकिन इसमें प्रयास जारी है।

हिंदी वर्जन की किताब भी जारी की गई है

’अमीनाबाद इंटर कॉलेज की तरफ से अंग्रेजी वर्णमाला के ‘हिंदी वर्जन’ किताब भी जारी की गई है।

अब ए फॉर ऐप्पल नहीं बल्कि….

इस स्कूल में अब ए फॉर ऐप्पल नहीं बल्कि ए फॉर अर्जुन पढ़ाया जाएगा।

बी फॉर बॉल नहीं बल्कि….

वहीं अब बी फॉर बॉल नहीं बल्कि बी फॉर बलराम पढ़ाया जाएगा।

सी फॉर कैट नहीं बल्कि….

इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि ‘सी’ फॉर कैट नहीं बल्कि ‘सी’ फॉर चाणक्य लिखा है।

डी फॉर डॉग नहीं बल्कि…

अब ‘डी’ फॉर डॉग नहीं बल्कि ध्रुव पढ़ाया जाएगा।

एण्ड ई फॉर ऐलिफेंट नहीं बल्कि….

‘ई’ फॉर ऐलीफेंट नहीं बल्कि एकलव्य पढ़ाया जाएगा।

ओ फॉर ऑरेंज नहीं बल्कि….

किताब के इस पन्ने में ‘ओ’ फॉर ऑरेंज की जगह ओमकार लिखा है। इसलिए अब ओ फॉर ऑरेंज नहीं बल्कि ओमकार पढ़ाया जाएगा।

125 साल पुराना है यह स्कूल

वहीं, अगर अमीनाबाद इंटर कॉलेज की बात की जाए, तो राजधानी लखनऊ में स्थित ये स्कूल 125 साल पुराना है। स्कूल के बाहर लगे बोर्ड पर इसकी स्थापना की तारीख लिखी हुई है, जो 1897 है, यानी कि आज से 125 साल पहले इसे स्थापित किया गया था।

Edit by deshhit news

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