नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में अभी तक तीन युद्ध हुए हैं। तीनों युध्दों में दोनों देशों को खासा नुकसान झेलना पड़ा है। गौर करें तो इन युद्धों में सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को झेलना पड़ा है। पाकिस्तान में युध्द के चलते मंहगाई इतनी बढ़ गई है कि लोग खाने के लिए तरस रहे हैं। आटा लेने के लिए दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं। अन्न के लिए भगदड़ करने पर लोगों की मौत भी हो रही है। पाकिस्तान वैश्विक कर्ज और गरीबी के भंवरजाल में फंसता जा रहा है। जिसका खामियाजा अब पाकिस्तान की जनता को उठाना पड़ रहा है। जिसके चलते पीओके सहित कई इलाकों में लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भारत में मिलने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विषम परिस्थिति के बाद अब पाकिस्तान के सुर बदल रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बयान सामने आया है। जिसमें उनका भारत के प्रति नजरिया बदला-बदला सा नजर आ रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अपना सबक सीख चुका है और अब वह शांति से रहना चाहता है।
भारत के साथ तीन युद्धों के बाद सबक सीख लिया है – शहबाज शरीफ
दरअसल, शहबाज शरीफ का एक साक्षात्कार खूब ट्रैंड कर रहा है। जिसमें वह कह रहे है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्धों के बाद सबक सीख लिया है। पाकिस्तान अब अपने पड़ोसी के साथ शांति चाहता है। शरीफ ने इंटरव्यू में आगे कहा, “भारतीय नेतृत्व और प्रधान मंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए टेबल पर बैठें और कश्मीर जैसे बिंदुओं को हल करने के लिए गंभीर और ईमानदार बातचीत करें। यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और विकास करें या एक दूसरे के साथ झगड़ा करें और समय और संसाधन बर्बाद करें।”
हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं – शहबाज शरीफ
शरीफ ने आगे कहा कि भारत के साथ अब तक हमारे तीन युद्ध हो चुके हैं। हर युद्ध में लोगों को सिर्फ दुख, गरीबी और बेरोजगारी मिली हैं। हमने अपना सबक सीख लिया है और हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं। शरीफ ने आगे कहा कि भले ही हम पसंद से पड़ोसी न हों, लेकिन हम हमेशा के लिए वहां हैं। ये हम पर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या एक-दूसरे से झगड़ा करें और समय और संसाधन बर्बाद करें।
पाकिस्तान नहीं चाहता कि हम हमारे संसाधनों को बम और बारूद बनाने में खर्च करें- शहबाज शरीफ
शहबाज शरीफ ने कहा कि हम हमारी प्रॉब्लम सॉल्व करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि चलिए बैठते हैं और बात करते हैं। पाकिस्तान नहीं चाहता कि हम हमारे संसाधनों को बम और बारूद बनाने में खर्च करें। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान तीन बार भारत से सीधा युद्ध लड़ चुका है और तीनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा। अब जब पाकिस्तान कंगाली के दौर पर है। तब पाकिस्तान के हुक्मरानों को शांति और विकास की बात समझ में आई है।
मित्र देशों से और कर्ज मांगने में शर्मिंदगी महसूस होती है – शहबाज शरीफ
आपको बता दें, इससे एक दिन पहले पाक पीएम ने कहा था कि मित्र देशों से और कर्ज मांगने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि यह नकदी संकट से जूझ रहे देश की आर्थिक चुनौतियों का स्थायी समाधान नहीं है। शरीफ शनिवार को पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग आउट समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में इसको लेकर खेद जताया कि पिछले 75 वर्षों के दौरान देश की विभिन्न सरकारों ने आर्थिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया।
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