नई दिल्ली: किडनैपिंग और हत्या से जुड़े गैंगस्टर मामले में आज गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस केस में मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाते हुए उस पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। बता दें, गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी को आरोपी बनाया गया था। दरअसल, अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी। कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे जब वह मैच का उद्घाटन कर वापस आ रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे।
मुख्तार के पुरखे कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर उपराष्ट्रपति और सेना में ब्रिगेडियर तक रह चुके हैं
बता दें, माफिया मुख्तार पर चर्चा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि अतीक की तरह ही उसके गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है। कहा जाता है कि एक समय मुख्तार का खौफ इतना ज्यादा था कि वह जिस सड़क पर अपनी जीप पर सवार होकर निकलता, लोग रास्ता बदल देते। एक समय योगी आदित्यनाथ पर हमला करवाने में भी उसका नाम सामने आया था। हैरानी की बात तो यह है कि जहां मुख्तार की अपराधों की लिस्ट इतनी लंबी है, तो वहीं उसका पारिवारिक बैंकग्राउंड उतना ही मजबूत है। मुख्तार के पुरखे कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर उपराष्ट्रपति और सेना में ब्रिगेडियर तक लोग रह चुके हैं।
1926-27 में कांग्रेस अध्यक्ष थे मुख्तार अंसारी के दादा
मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी का जन्म 1880 में गाजीपुर में ही हुआ था। उन्होंने मद्रास से डॉक्टरी की ओर इसके बाद यूके से एमएस और एमडी की डिग्री ली। महात्मा गांधी से प्रभावित होकर वह कांग्रेस में शामिल हुए और उनका प्रभाव इतना ज्यादा था कि 1926-27 में कांग्रेस अध्यक्ष थी रहे। मुख्तार के दादा जामिया विश्वविद्यालय के फाउंडिंग मेंबर भी रहे हैं।
भारतीय सेना में ब्रिगेडियर माफिया मुख्तार के नाना
रिपोर्ट के अनुसार, माफिया मुख्तार के नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे। वह तीन चुलाई 1948 को पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ते हुए कश्मीर के नौशेरा में शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से भी नवाजा गया था। वहीं, मुख्तार अंसारी के पिता सुभानउल्ला अंसारी भी स्थानीय राजनीति में सक्रिय रहे, वह एक साफ-सुथरी छवि के नेता थे।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्तार अंसारी के लगते हैं चाचा
देश के सबसे लंबे समय तक उपराष्ट्रपति रहने वाले हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं। हामिद अंसारी भी विवादों में रह चुके हैं। इसके अलावा मुख्तार के परिवार में उसका सांसद भाई अफजाल अंसारी और सिबकतुल्लाह अंसारी है, वह विधायक रह चुके हैं।