‘अगर कश्मीर में रहना है तो अल्लाह-हू-अकबर कहना है” धर्म बदलो, भागो या मर जाओ ये वो नारे है जो 19 जनवरी 1990 को कश्मीर की गलियों में जोरों से गूंजे लगे थे, जिसके बाद कश्मीर में चारों तरफ केवल कश्मीरी पंडितों की दर्द भरी चीखें गूंजने लगी और वक्त ऐसा आया की देश भुला बैठा था कश्मीरी पंडितों के उस दर्द और उन चीखों को जो उस रात गूंजी थी. किसी को नहीं पता की इस नरसंघार के पीछे किन आतंकवादियों और कट्टरपंथियों का हाथ था।
नई दिल्ली: कश्मीर जैसे जन्नत को नरक बनाने वाले हैवान का नाम है Farooq Ahmed Dar उर्फ़ बिट्टा कराटें जिसने उस रात कई कश्मीरी पंडितों को अपने जिहाद की आग में मिला राख कर दिया था। तो चलिए आपको बताते है कौन है बिट्टा कराटे और उसने 90 के दशक में क्या किया जो उसकों हैवान कहा जाने लगा।
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90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए नरसंहार को “द कश्मीर फाइल्स” के माध्याम से देखने के बाद कश्मीरी पंडितों ने एक बार फिर से अपने उस ही दर्द को महसूस किया है, लेकिन उस दर्द को केवल कश्मीरी पंडितों ने ही महसूस नहीं किया बल्कि उन दर्शकों ने भी महसूस किया, जो द कश्मीर फाइल्स को देखने थिएटर पर पहुँचे हुए थे। जो कश्मीरी पंडित हजारों साल से कश्मीर में रह रहे थे, उन्हें एक ही रात में उनके घर से बेघर कर दिया गया।
आपको जानकार हैरानी होगी की कश्मीर में उस रात आतंकवादियों और जेहादियों ने मिलकर 20 हजार कश्मीरी पंडितों के घरों को जलाकर राखा कर दिया था। कई कश्मीरी पंडितों को मारा दिया और कई कश्मीरी पंडित महिलाओं और उनकी बेटियों के साथ बलात्कार किये गए और जब कश्मीर में सुबह हुई तो जो कभी कश्यप ऋषि की भूमि हुआ करती थी जहाँ पर पंचतन्त्र लिखा गया था उस जगह पर सामूहिक चिताएं जली थीं।
इन सबके पीछे हाथ था बिट्टा कराटे और उसके लड़कों का। पहले आप इस इंटरव्यू को देखिये और सुनिए बिट्टा कराटे कैसे अपने जुल्मों और हैवानियत को कबूल रहा है।
कौन है बिट्टा कराटे ?
विडियो में आपने जिस आदमी को देखा ये वो ही हैवान है जिसने 90 के दाश्क में कश्मीर को जला कर रख कर दिया था। साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कराटे ने इंटरव्यू के दौरान बताया की उसे कत्ल करने का ऑर्डर मिलता था। बिट्टा ने सबसे पहले आरएसएस कार्यकर्त्ता सतीश कुमार टिक्कू को मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद उसने और 20 लोगों को मौत के घाट उतारा था।
बिट्टा ने आगे कहाँ की अगर उससे अपने भाई और माँ को भी मारने का आर्डर मिलता तो वह उनका भी क़त्ल कर देता। लेकिन बाद में बिट्टा इंटरव्यू में कही गयी अपनी सभी बातों से मुकर गया। आपको बता दे कि मिली जानकारी के मुताबिक कुख्यात आतंकी बिट्टा कराटे उर्फ फारूक अहमद डार मौजूदा समय में JKLF यानि जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का चेयरमैन है।
साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कराटे ने राजनीति की दुनिया में अपना कदम रखा था लेकिन 1990 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और 2006 तक यानि की करीब 16 सालों तक साल वह अपने गुन्हओं की सज़ा जेल में काटता रहा। हालाँकि बाद में वह जमानत पर रिहा हो गया और जेल से बहार आते ही बिट्टा ने जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का दामन थाम लिया था। इसके बाद साल 2019 में बिट्टा को NIA ने भी गिरफ्तार किया था।