देश की राजधानी दिल्ली में हर साल स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा बीते कई सालों से चली आ रही है. इस दिन हर उम्र के लोग पतंगबाज़ी में भाग लेते हैं. लेकिन इस परम्परा के चलते जाने अनजाने में कितनो की जान खतरे में आ जाती है इस बात पर लोग कम ही ध्यान देते हैं. दिल्ली में चाइनीज़ मांझे पर बैन लगने के बवाजूद इसकी खरीद-बिक्री चालू है और राहगीरों के लिए खतरा बन रही है.
नई दिल्ली: दिल्ली में आपने 15 अगस्त के अवसर पर पतंबाज़ी की परंपरा के बारे में तो सुना ही होगा. देश की राजधानी में लोग स्वतंत्रता दिवाद के मौके पर पतंगे उड़ाते हैं और पूरा आसमान रंगों से चमकने लगता है. लकिन इसकी आड़ में कुछ लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. दिल्ली सरकार ने चाइनीज़ मांझे पर बैन लगा दिया है लेकिन फिर भी इसकी खरीद और बिक्री लगातार देखने को मिल रही है. हाल ही में ऐसी कई खबरें सामने आई हैं जिसमे चाइनीज़ मांझे की वझ से लोगों ने अपनी जान गवा दी. सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों के बावजूद चाइनीज़ मांझे का बाज़ार और इस्तेमाल चल रहा है.

दिल्ली में एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 के तहत चाइनीज़ मांझे पर बैन लगा दिया है. और कहा गया है कि अगर कोई भी इसका उपयोग करता पकड़ा गया तो उसे 5 साल की जेल और 1 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इतनी नियमों और कानूनों के बावजूद भी लोग इसे खरीदने-बेचने से पीछे नहीं हट रहे. अभी हाल ही में ऐसी कई खबरें सामने आई हैं जिसमे कई लोगों की चाइनीज़ मांझे की वजह से मौत हो गई.
हाल ही में एक व्यक्ति रक्षा बंदन के मौके पर अपनी बहन से मिलने जा रहा था और रास्ते में ही चाइनीज़ मांझे की वजह से उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. इसी तरह शास्त्री पार्क इलाके में एक बाइकसवार कारोबारी की गर्दन कट गई. पिछले कुछ ही दिनों में चाइनीज़ मांझे से जुडी ऐसी ही 11 FIR दर्ज हुई हैं. चाइनीज़ मांझे का कारोबार करने वाले 22 लोगों को पुलिस ने अब तक गिरफतार किया है.

सरकार ने चाइनीज़ मांझे को पूरी तरह बैन कर दिया है इसके बावजूद भी इसका धड़ल्ले से कारोबार हो रहा है और यह कई लोगों के मौत का कारण बन रहा है. पतंबाजों के आगे पुलिस भी चुप्पी साध लेती है.15 अगस्त के मौके पर दिल्ली में पतंग उड़ाने का प्रचलन कई साल से चला आ रहा है. पतंगबाज मजबूत मांझे का इस्तेमाल करते हैं ताकि आसमान में पतंग उड़ाते समय उनकी पतंग कट ना पाए. बढ़ती डिमांड पर दुकानदार चोरी-छिपे चाइनीज़ मांझे को बेच रहे हैं जो कई लोगों की मौत का कारण बनता है. पुलिस के मुताबिक, जख्मी लोगों की लिस्ट उनके पास काफी कम है.अगर उनके पास शिकायत आती तो वह कार्रवाई जरूर करते, लेकिन लोग घायल होने के बाद चुपचाप प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा लेते हैं.अगर सरकारी में इलाज कराया तो रिपोर्ट नहीं लिखवाते हैं.

दिल्ली पुलिस चाइनीज़ मांझे की खरीद-बिक्री को रोकने के लिए कदम तो उठा रही है लेकिन पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और नज़रअंदाजी इन कोशिशों को नाकाम कर रही है. चाइनीज़ मांझे की वजह से ऐसी घटनाओं की खबरें लगातार सामने आ रही है और इसके खिलाफ जारी किए गए नियमों के बावजूद भी चाइनीज़ मांझे का कारोबार थम नहीं रहा है. क्या प्रसाशन की ऐसी ढील और पतंगबाजों की ऐसी मनमानी की कीमत न जाने कितने लोगों को अपनी जान से चुकानी पड़ती है.