नई दिल्ली: शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस का दामन छोड़ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भाजपा महासचिव अरुण सिंह और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने की वजह भी बताई।
कांग्रेस पार्टी लोगों के बीच अपने मत को समझा पाने में असफल रही है – किरण कुमार रेड्डी

भाजपा में शामिल होते ही किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पार्टी को छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के बीच अपने मत को समझा पाने में असफल रही है। पार्टी अपनी गलतियों पर विचार भी नहीं कर रही है कि आखिर गलती क्या है और वे उसे सही भी नहीं करना चाहते है। उनका यही सोचना है कि वे सहीं हैं और देश की जनता बाकी सब गलत हैं। कांग्रेस नियंत्रण बनाए रखने के लिए अधिकार चाहती हैं लेकिन कड़ी मेहनत कोई नहीं करना चाहता है। कोई जिम्मेदारी भी नहीं लेना चाहता है। इसी विचारधार के कारण मैंने फैसला किया कि मैं कांग्रेस छोड़ूंगा।
मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ेगी – किरण कुमार रेड्डी

किरण रेड्डी ने आगे कहा कि मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ेगी। एक कहावत है कि मेरा राजा बुद्धिमान है और वह कभी अपने आप से नहीं सोचता और न ही वो किसी की सलाह मानता है। इतना कहने के बाद उन्होंने कहा कि आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
2009 में पिता की मौत के बाद आंध्र प्रदेश के सीएम बने थे – किरण कुमार रेड्डी

किरण रेड्डी अपने पिता और आंध्र के पूर्व पीएम राजशेखर रेड्डी की 2009 में मौत के बाद राज्य के सीएम बने थे। अविभाजित आंध्र प्रदेश में 2010 में उस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम पैदा हुआ था, जिसके चलते उन्होंने राज्य की कमान अपने हाथों में ली थी। बता दें कि किरण रेड्डी के राजनीति करियर की शुरुआत 1989 में हुई थी। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही वायलपाडु से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 में जब यूपीए सरकार ने आंध्र और तेलंगाना का बंटवारा किया था तो किरण रेड्डी ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी “जय समैक्य आंध्रा पार्टी” बनाई। हालांकि, 2018 में राहुल गांधी ने उनकी वापसी करवा दी थी।