नई दिल्ली: 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है। कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना भी लगाया। जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया।
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अतीक समेत 11 लोग इस केस में थे आरोपित

उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था। कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तब गली के बाहर कार से निकलते वक्त उन पर शूटरों ने फायरिंग कर दी थी। इस दौरान बम भी फेंके गए थे। इस हमले में उमेश पाल और उनके दो गनर्स की मौत हो गई थी। इस केस में अतीक अहमद, अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को आरोपी बनाया गया था। एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है। अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में थे। बाकी आरोपी जमानत पर थे।
19 साल पहले राजूपाल हत्याकांड का आरोपित था अतीक

बता दें, राजूपाल हत्याकांड को समझने के लिए करीब 19 साल पीछे जाना होगा। उस देश में आम चुनाव हो चुका था। यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। इससे पहले अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक था लेकिन उसके सांसद बन जाने के बाद वो सीट खाली हो गई थी कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ। इस सीट पर हुए सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया। जब उपचुनाव हुआ तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया।
अतीक ने अपने भाई अशरफ के चुनावी हार होने पर कराई थी राजूपाल की हत्या

उपचुनाव में अशरफ की हार से अतीक अहमद के खेमे में खलबली थी लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो चुका था। मगर राजू पाल की जीत की खुशी ज्यादा दिन कायम ना रह सकी। पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव नाम के दो लोगों की भी मौत हुई थी। जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया था। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था।
राजूपाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक के खिलाफ हत्या का मामला कराया था दर्ज

दिन दहाड़े विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था। बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ धावा बोल रखा था। उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था। उस रिपोर्ट में सासंद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था।
राजूपाल हत्याकांड का चश्मदीद गवाह था उमेशपाल

इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में उमेश पाल एक अहम चश्मदीद गवाह था। जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी थीं। उसने अपनी जान खतरा बताते हुए पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उमेश पाल को यूपी पुलिस की तरफ से सुरक्षा के लिए दो गनर दिए गए थे।
24 फरवरी 2023 को अतीक के इशारे पर उमेशपाल की कर दी गई थी हत्या

उमेश के मुताबिक, जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जज डीसी शुक्ला ने 23 मार्च को अतीक को पेश करने के लिए आदेश जारी किया था लेकिन इससे पहले ही 24 फरवरी 2023 को ही उमेशपाल और उनके दो गनरोंं की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।
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