नई दिल्ली: पिछले दिनों राहुल गांधी को 2019 मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा और 6 साल के लिए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। जिसके फलस्वरुप राहुल गाँधी अब 6 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कांग्रेस राहुल गांधी के खिलाफ इस फैसले को लेकर बौखला गई है। कांग्रेस लगातार इसको लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। बीते सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और विपक्ष के तमाम नेता विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। कांग्रेस लगातार राहुल गांधी के खिलाफ हुए फैसले को लेकर बीजेपी और किसी न किसी पर निशाना साध रही है। अब कांग्रेस राहुल गांधी पर हुए फैसले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ हो गई है। मिली जानकारी को मुताबिक, कांग्रेस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं। कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टी लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
2019 में दिए गए इस भाषण को लेकर राहुल गाँधी की सदस्यता हुई रद्द
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2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक को कोलार में अपने भाषण में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है? राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी का आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की गई है।
वहीं, कांग्रेस का कुछ ओर ही मानना है
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वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अडानी मुद्दे पर संसद में उनके भाषण से डर गई थी। दूसरी ओर बीजेपी ने कहा कि लोकसभा सचिवालय की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला नियमानुसार है और फैसले पर सवाल उठाना संविधान को निशाना बनाने जैसा है।
क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव ?
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संसदीय प्रक्रिया में अविश्वास प्रस्ताव या विश्वासमत (वैकल्पिक रूप से अविश्वासमत) अथवा निंदा प्रस्ताव एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे पारंपरिक रूप से विपक्ष द्वारा संसद में एक सरकार को हराने या कमजोर करने की उम्मीद से रखा जाता है या दुर्लभ उदाहरण के रूप में यह एक तत्कालीन समर्थक द्वारा पेश किया जाता है। जिसे सरकार में विश्वास नहीं होता। यह प्रस्ताव नये संसदीय मतदान (अविश्वास का मतदान) द्वारा अस्वीकार किया जाता है।
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