नई दिल्ली: 28 मई को दिल्ली के जंतर – मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों का आंदोलन आखिरकार भारी हंगामे के बाद कल खत्म कर दिया गया। कल हुए इस हंगामे को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। बता दें, इससे पहले पहलवानों के साथ मारपीट और खींचातानी को लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और ममता बनर्जी समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
सिद्धारमैया ने पहलवानों का समर्थन करते हुए संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा…

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहलवानों का समर्थन करते हुए संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने रविवार (28 मई) को कहा, “नए संसद भवन की क्या जरूरत है? अगर वह विरोध कर रहे पहलवानों को न्याय नहीं दे सकता है।”
राहुल और प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा था…

वहींं, इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि ”राज्याभिषेक पूरा हुआ, ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज!” दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ”भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि वह निर्दयता से हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाज अपने जूते के नीचे दबा रही है, यह पूरी तरह से गलत है।”
मैं पहलवानों के साथ खड़ी हूं – ममता बनर्जी

सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीटर पर लिखा, “जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ मारपीट की, उसकी कड़ी निंदा करती हूं, यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है। लोकतंत्र सहिष्णुता में है लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और विरोध को दबाने पर पनपती हैं। मैं मांग करती हूं कि पुलिस हिरासत से पहलवानों को तुरंत रिहा किया जाए, मैं पहलवानों के साथ खड़ी हूं।”
इससे पता चलता है कि पहले ही दिन सेंगोल झुक गया है – तमिलनाडु के मुख्यमंत्री

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने ट्वीट किया कि महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद के खिलाफ महीनों पहले आरोप लगाए थे लेकिन बीजेपी के नेतृत्व ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा पहलवानों को घसीटकर हिरासत में लेना निंदनीय है। इससे पता चलता है कि पहले ही दिन सेंगोल झुक गया है। क्या यह उचित है कि इस तरह का अत्याचार (नए संसद भवन) के उद्घाटन के दिन भी होना चाहिए?
केजरीवाल ने लिखा…

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों को रविवार को पुलिस हिरासत में लिये जाने की निंदा की और इसे ‘निहायत गलत’ कृत्य करार दिया। केजरीवाल ने लिखा, ‘‘देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी के साथ इस तरह का व्यवहार निहायत गलत और निंदनीय है।’’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा…

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “ऐसे दिन जब नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित है, भारत के सबसे प्रतिष्ठित चैंपियन पहलवानों, हमारे राष्ट्रीय गौरव के साथ इस तरह की क्रूर और शर्मनाक मारपीट को देखना व्यथित करने वाला है। उनका अपराध – शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध के माध्यम से न्याय मांगना है। मैं उनकी हिरासत की कड़ी निंदा करता हूं।”
जंतर-मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने जा रहे थे पहलवान

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई संसद का उद्घाटन किया था। विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत पहलवानों ने रविवार को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था। इसके बाद पुलिस ने उन्होंने रोकने की कोशिश की थी। इसके बाद जमकर बवाल हुआ था।
पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने क्या कहा ?

वहीं इस पूरे मामले पर स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस दीपेंद्र पाठक ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बार-बार अनुरोध और चेतावनियों को नजरअंदाज किया और उन्हें रोकने की कोशिश करने वाले पुलिस कर्मियों के साथ ‘कुश्ती’ की.।उन्होंने कहा, रविवार का दिन देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था क्योंकि संसद के नए भवन का उद्घाटन होना था और जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देने और बार-बार आग्रह करने के बावजूद वे प्रदर्शन स्थल से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, पहलवानों ने अत्यधिक गैर जिम्मेदार रवैया दिखाया। पुलिस के मुताबिक, वे सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों में खलल डालने की कोशिश कर रहे थे। दीपेंद्र पाठक ने कहा, अब पहलवानों को जंतर मंतर पर धरने के लिए नहीं बैठने दिया जाएगा,जंतर मंतर साफ करा दिया गया है।