देश के नए सीजेआई के रूप में जस्टिस यूयू ललित ने शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शपथ दिलाई। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री समारोह का हिस्सा बने।
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस यूयू ललित ने आज शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ। जस्टिस ललित भारत के 49वें चीफ जस्टिस हें। शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे।

शपथ ग्रहण से पहले निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण के विदाई समारोह में उन्होंने तीन मुख्य सुधारों के बारे में बात की। जस्टिस यूयू ललित ने कहा, मेरा प्रयास रहेगा मामलों को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकूं, जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें। इसके अलावा कम से कम एक संविधान पीठ की बना सकूं,जो सालभर काम करती रहे।
न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी हैं चार पीढ़ियां

भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित पर भले ही न्यायाधीशों की नियुक्ति से लेकर महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्नों जैसी चुनौतियां हों, लेकिन उनकी न्यायिक विरासत का अनुभव भी उनके पास होगा। दरअसल, चार पीढ़ियों से यूयू ललित का परिवार न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक वकील थे।
जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी एक पेशेवर वकील रह चुके हैं। बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। इसके अलावा जस्टिस ललित के दो बेटे हर्षद और श्रेयश, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, बाद में श्रेयश ललित ने भी कानून की ओर रुख किया। उनकी पत्नी रवीना भी वकील हैं।
Edited By – Deshhit News