जोशीमठ में भू-धंसाव का कारण पानी के निकासी की व्यवस्था ना होना जोशीमठ में भू-धंसाव और दरारों की एक बड़ी वजह है। जानकारी के मुताबिक, अलकनंदा नदी में हो रहा कटाव भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है।
नई दिल्ली: जोशीमठ में भूधंसाव से कहर भरपा हुआ है। जोशीमठ को रेड जोन के चलते वहां के लोगों को तीन दिन के भीतर घर खाली करने के निर्देश तो दे ही दिए गए थे लेकिन जोशीमठ में भूधंसाव का खतरा इतना बड़ गया है कि वहां के दो होटलों को मलारी इन और माउंट व्यू को ध्वस्त करने की नौबत आ गई है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले होटल मलारी इन और फिर माउंट व्यू को गिराया जाएगा। इसके लिए मौके पर बुलडोजर पहुंच गया है। दोनों होटलों को एक्सपर्ट टीम की देखरेख में ध्वस्त किया जाएगा।
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दो होटलों में से मलारी इन को आज चरणबद्ध तरीके से पहले तोड़ा जाएगा। सबसे पहले ऊपर के हिस्से को तोड़ा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि दोनों होटल झुक गए हैं और एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए हैं। जोशीमठ क्षेत्र के 678 मकानों में दरारें आने की पुष्टि हो चुकी है। दूसरी तरफ, जिन इलाकों में इमारतें गिराई जाएंगी, उन्हें प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित कर खाली करा दिया है। एसडीआरएफ कर्मियों की मदद से लोगों के सामान को दूसरे जगह पर ले जाया जा रहा है। लोग अपने घरों को खाली करते हुए बहुत दुखी और भावुक हैं। जोशीमठ में अब तक 81 प्रभावित परिवारों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए राहत शिविरों में रखा गया है।

वहीं, जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है। उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी राहत केंद्रों में या किराये के घर में जाने को कहा है। इसके लिए प्रत्येक परिवार को अगले छह महीने तक राज्य सरकार से 4000 रुपये मासिक सहायता मिलेगा।

जोशीमठ में भू-धंसाव का कारण पानी के निकासी की व्यवस्था ना होना जोशीमठ में भू-धंसाव और दरारों की एक बड़ी वजह है। जानकारी के मुताबिक, अलकनंदा नदी में हो रहा कटाव भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है। बता दें जोशीमठ में भूधंसाव की चेतावनी 50 साल पहले ही वैज्ञानिक एक्सपर्ट द्वारा दे दी गई थी।
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