जोशीमठ: जब तक नहीं दिया जाएगा मुआवजा, तब तक नहीं छोड़ेंगे अपना आशियाना, जोशीमठ के लोगों की सरकार से अपील।

11 Jan, 2023
Deepa Rawat
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नई दिल्ली: जोशीमठ रोजाना धीरे-धीरे जमींदोज हो रहा है। जोशीमठ में भूधंसाव से लोगों के घरों की दीवारों में दरार आ गई है, फर्श चटक रहा है। कब यहां के घर और इमारतें ढहकर मलवे में बदल जाए, किसी को नहीं पता। सरकार ने जोशीमठ के 600 परिवार और 3000 लोगों को घर खाली करने के निर्देश दे दिए लेकिन लोग अपने आशियाने को खाली करने के लिए राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि हमारी वर्षों की यादें यहां बसी हैं। उनके आखों में आसूओं का समंदर बस गया है। जोशीमठ के इस हालत से उनका दिल टूट गया है। उनकी इस हालात को देखकर हर किसी का दिल पसीज जाएगा। उनका कहना है कि अगर हम घर खाली कर देंगे, तब हम कहां जाएंगे? बता दें, जोशीमठ के दो होटल मलारी एन और माउंट व्यूह को जल्द ही जमींदोज कर दिया जाएगा। स्थानीय लोगों ने सरकार से घर खाली करने के बदले मुआवजे की बात पर अड़े हैं। उनकी इस गुहार को सुनकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी के सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रेस कांफ्रेंस कर आपदा की स्थिति को स्पष्ठ करते हुए कहा कि आपदा राहत के तक प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से 1.50लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी और सरकार हितधारकों का पूरा ध्यान रखेगी।

Joshimath People Wept After Seeing The Ruined Houses In Front Of Their Eyes  | Joshimath Crisis: दरारें और दर्द..., आंखों के सामने उजड़ते आशियानों को  देखकर रो पड़े जोशीमठ के लोग

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जोशीमठ में सबसे ज्यादा किस जगह धंस रही है जमीन?

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बता दें, सबसे ज्यादा पहाड़ी जमीन धंसने का मामला रविग्राम और कामेट-मारवाड़ी नाला के बीच देखा गया है। जोशीमठ-औली रोड पर कई जगहों पर सड़कें धंसी हैं, मकानों में दरारें हैं। ये दरारें सिर्फ मकानों के नींव तक ही सीमित नहीं है। ये दीवारों से होते हुए छत और बीम तक पहुंच गई हैं। जो कि लोगों की जान के लिए बेहद खतरनाक है।

जोशीमठ में इन कमियों की गई अनदेखी

Joshimath Sinking

औली रोड पर बारिश का पानी सड़कों पर बहता दिखा। हर जगह ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं था। सुनील गांव में जमीनी दबाव की वजह से पानी की पाइपें मुड़ गई थीं। जोशीमठ-औली रोड पर एक नाले का प्राकृतिक रास्ता घरों और अन्य इमारतों की वजह से रुक गया था। इस पूरे इलाके में न ही सही तरीके से सीवेज सिस्टम था। न ही बेकार पानी के डिस्पोजल का कोई सिस्टम। ज्यादा पर्यटकों की वजह से ज्यादा खपत और अधिक पानी का रिसाव जमीन के अंदर होता रहा।

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Edit By Deshhit News

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