नई दिल्ली: नए साल पर हुए कंझावला मामले में खुलासा होते हुए एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल ,अंजलीहत्याकांड में खुलासा हुआ है कि जिस समय अंजली के साथ वो हादसा हुआ था। उस समय अंजली नशे में थी। जिस बात को अंजली की दोस्त निधी ने भी बताया था कि अंजली ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंजली की रिपोर्ट में शराब पीने को कोई सबूत नहीं मिले थे। दरअसल,अंजली की विसरा रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें यह साफ हुआ है कि नए साल की रात अंजली ने शराब पी रखी थी।
ये भी पढ़े: अन्नदाता, बुजुर्ग महिला के बीमार पड़ने पर उनका हालचाल लेने पहुंचा लंगूर।
क्या होती है विसरा रिपोर्ट ?

विसरा परीक्षणों में शरीर के भीतरी अंगों जैसे- छाती, पेट या श्रोणि के भीतर के अंगों की अच्छी तरह से जांच की जाती है। ये अंग सेंट्रल कैविटी में मौजूद होते हैं। किसी भी मामले के लिए विसरा परीक्षण के नमूने रासायनिक परीक्षण के लिए एकत्र किए जाते हैं। इसे पोस्टमॉर्टम के 15 दिनों के भीतर किया जाना होता है। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को खून, वीर्य, दाग और अन्य की रिपोर्ट प्रदान करके ऐसी किसी भी अपराध की जांच में वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए कहा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी 2014 को जांच एजेंसियों के लिए जहर देने या संदेहास्पद मौतों के मामलों में विसरा परीक्षण करना अनिवार्य कर दिया था।
क्या है कंझावला केस ?

नए साल 2023 की रात को अंजलि अपनी दोस्त निधि के साथ रोहिणी के एक होटल में पार्टी के बाद जब घर लौट रही थी। तब उसकी स्कूटी को रात करीब 2 बजे एक कार ने टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद अंजली को आरोपियों ने 12 किलोमीटर तक घसीटा था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। सुबह करीब 4 बजे कंझावला इलाके में उसका शव सड़क किनारे पड़ा मिला था।
वारदात के बाद 7 आरोपितों को कर लिया गया था गिरफ्तार

बात करें, अब कंझावला केस के आरोपितों की तो इस हादसे के तुरंत बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस ने सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। गृहमंत्रालय ने इस सिलसिल में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा था। बता दें, आईपीसी की धारा 302 में कहा गया है कि जो कोई भी हत्या करेगा उसे मौत की सजा या आजीवन कारावास के साथ-साथ जुर्माना भी दिया जाएगा।
Edit By Deshhit News