नैनीताल, 23 अप्रैल 2024: नैनीताल के मनोरम वन क्षेत्रों में विकराल वनदाह ने भयानक रूप धारण कर लिया है। यह प्रचंड आग, अमूल्य वन संपदा को धीरे-धीरे राख में बदल रही है, जिससे पर्यावरणीय आपदा का खतरा मंडरा रहा है।
आग की लपटों का तांडव:
- मनोरा रेंज के चरता, वीरभट्टी, भुजियाघाट, चोपड़ा, दोगांव, रिया, बेलूवाखान, बल्दियाखान, ताकुला सहित अनेक क्षेत्रों में जंगल धधक रहे हैं।
- चीड़ की पत्तियां (पिरुल) और सूखी झाड़ियां, आग को भड़काने में सहायक बन रही हैं।
- घने धुएं का गुबार पूरे इलाके को घेर चुका है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। दृश्यता कम होने से, वन विभाग के दमकलकर्मियों को आग बुझाने में भी मुश्किलें आ रही हैं।
वन विभाग का अथक प्रयास:
- वन विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए अनेक दलों को तैनात किया है।
- दमकलकर्मियों, वन कर्मियों और स्थानीय लोगों के अथक प्रयासों से कुछ स्थानों पर आग पर काबू पा लिया गया है।
- रेंज अधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि “अधिकांश स्थानों पर आग की तीव्रता कम हो गई है, और धीरे-धीरे आग पर काबू पा लिया जाएगा।”
चिंताजनक पहलू:
- इस विकराल वनदाह से भारी मात्रा में वन क्षेत्र जल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप वन्यजीवों को भी खतरा पैदा हो गया है।
- धुंए के कारण वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- जलवायु परिवर्तन और कम वर्षा के कारण ऐसी घटनाओं की संभावना बढ़ रही है।
आवश्यक कदम:
- तत्काल आग बुझाने के लिए अधिक दमकलकर्मियों और संसाधनों की आवश्यकता है।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाई जानी चाहिए।
- वन क्षेत्रों में आग न लगाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
निष्कर्ष:
नैनीताल में विकराल वनदाह, पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है। इस घटना से हमें प्रकृति के प्रति सचेत होना चाहिए और वनों की रक्षा के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।