करीब 6 महीने पहले जब सरोज देवी ने अपना मकान बेचा था तो खरीदने वाले ने उन्हें रहने की व्यवस्था ना होने तक उसी घर में रहने की अनुमति दे दी थी। लिहाजा वह पिछले 6 माह से अपने ही मकान में किराएदार बनकर रह रहे थे।
नई दिल्ली: गोरखपुर में गृह कलेश के चलते मां और बेटे ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। आपको बता दें, यह गृह कलेश संपत्ति को लेकर चल रहा था। बड़े बेटे के संपत्ति को लेकर दगाबाजी करने पर छोटे बेटे और मां ने जहर खा लिया। जिसके बाद दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टन ने दोनों को वहां से बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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क्या है पूरा मामला ?
गोरखपुर के जनप्रिय बिहार इलाके के एलआईजी 100 में 55 वर्षीय सरोज देवी अपने बड़े बेटे श्रीश राव और छोटे बेटे मनीष राव (28) के साथ रहती थी। कुछ माह पहले उन्होंने जनप्रिय बिहार के मकान को 69 लाख रुपये में बेच दिया। उस रकम को मां और बड़े बेटे के संयुक्त खाते में रखा गया था। जानकारी के मुताबिक, बड़े बेटे ने चुपके से खाते को एकला करवाने के साथ रकम निकाल कर अलग जगह मकान खरीद लिया। इसकी जानकारी होने पर मां नाराज हुई तो वह 10 नंबर को पत्नी के साथ ससुराल में जाकर रहने लगा। इस बीच कई बार मां ने छोटे बेटे के लिए रुपये की मांग की, लेकिन, बड़े बेटे ने रुपये देने से इनकार कर दिया।
बड़े बेटे के पैसे न देने पर आहत मां और छोटे बेटे ने खाया जहर

मंगलवार को भी मां, छोटे बेटे ने श्रीश को फोन कर रुपये मांगे, लेकिन उसने पैसे देने से मना कर दिया। आरोप है की श्रीश के व्यवहार से आहत मां और बेटे ने मंगलवार देर रात जहर खा लिया। जानकारी मिलने के बाद लोग दोनों को सबसे पहले जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां से डॉक्टरों द्वारा रेफर करने के बाद दोनों को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद गोरखनाथ पुलिस में शव को कब्जे में ले लिया है।
अपने बेचे गए मकान में ही किराएदार बनकर रह रहे थे मांं, छोटे बेटे
करीब 6 महीने पहले जब सरोज देवी ने अपना मकान बेचा था तो खरीदने वाले ने उन्हें रहने की व्यवस्था ना होने तक उसी घर में रहने की अनुमति दे दी थी। लिहाजा वह पिछले 6 माह से अपने ही मकान में किराएदार बनकर रह रहे थे। वहीं छोटा बेटा मनीष गोडधोइया नाले के पास गाड़ी धोने की दुकान चलाता था।
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