बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की इस सोसायटी में बेसमेंट से लेकर सभी फ्लोर में अवैध निर्माण किया गया है। बहुमंजिला इमारत का निर्माण करने के दौरान UPAVP से बिल्डर को अनुमति सिर्फ 114 फ्लैट बनाने की थी। वहीं, बिल्डर ने 257 फ्लैटों का निर्माण कर दिया।
नई दिल्ली: बीते दिनों दिल्ली से सटे नोएडा में भष्टाचार के ट्विन टावर को गिराया गया था। अब इसी कड़ी में गाजियाबाद में भी एक बहुमंजिला इमारत गिराई जाएगी, बताया जा रहा है कि इसके निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ है। आपको बता दें, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की जांच में पाया गया है कि वसुंधरा योजना में 17 मंजिली मर्लिन सोसायटी का निर्माण करने में तमाम अनियमितताएं बरती गईं।
अवैध निर्माण के चलते गिराया जाएगी गाजियाबाद की बहुमंजिला इमारत
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की इस सोसायटी में बेसमेंट से लेकर सभी फ्लोर में अवैध निर्माण किया गया है। बहुमंजिला इमारत का निर्माण करने के दौरान UPAVP से बिल्डर को अनुमति सिर्फ 114 फ्लैट बनाने की थी। वहीं, बिल्डर ने 257 फ्लैटों का निर्माण कर दिया। जांच में भ्रष्टाचार की बात सामने आने पर इसे ढहाने का फैसला लिया गया है। वर्तमान में यहां 100 से अधिक परिवार रह रहे हैं, जिनमें सैकड़ों लोग रहते हैं। इमारत को ढहाने की जानकारी मिलते यहां पर रह रहे लोग टेंशन में आ गए हैं। लोगों का कहना है कि इसमें हमारा क्या कसूर? सोसायटी के लोग इंसाफ के लिए कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया था नोएडा के सेक्टर 93A का ट्विन टावर

गौरतलब है कि नोएडा के सेक्टर 93A में बने सुपरटेक बिल्डर के एपेक्स और सियान टावर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था। दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। वहीं, टावर गिराने से पहले आसपास के इलाके में रह रहे लोगों को खाली करा दिया गया था, क्योंकि इससे अन्य इमारतों के नुकसान का खतरा था। कंपनी ने दोनों टावरों को गिराने के लिए कई महीनों से तैयारी की थी, जिसके बाद दोनों इमारतों को तोड़ने में महज 9 सेकेंड का समय लगा था।
आपको बता दें, नोएडा सेक्टर-93 ए स्थित ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफाइस को ही इसका जिम्मा दिया जा सकता है। इसका इशारा UPAVP के अधिकारियों की ओर से किया गया है।
Edit By Deshhit News