सरकारी बैंकों की संपत्ति औने-पौने दामों में बेचे जाने पर कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर साधा निशाना

23 Nov, 2022
देशहित
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनपीए 2008 से 2014 के बीच पांच लाख करोड़ रुपये की तुलना में मोदी सरकार के कार्यकाल (2014 से 2020) तक बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए सवाल पूछा है कि वर्तमान भाजपा सरकार में बैंकों का एनपीए बढ़ा है। बड़े-बड़े डिफाल्टरों का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया है और सरकारी बैंकों की संपत्ति औने-पौने दामों में बेची जा रही है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार से पूछा है कि आखिर वह बैंकों का पैसा लेकर भागने वालों को कब वापस लाएगी। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी इन मुद्दों को सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ते बल्कि भटकाने वाले विषयों को उठाया जाता है।

हर चुनाव प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत छवि पर लड़ा जा रहा है – सुप्रिया श्रीनेत

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Congress spokesperson Supriya Shrinate

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पिछले पांच साल में 10 लाख करोड़ से ऊपर के कर्ज को बट्टे खाते में क्यों डाला गया। इसमें से केवल 13 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई। इस कर्ज माफी से 61 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की भरपाई की जा सकती थी, लेकिन सरकार इस पर कभी चर्चा नहीं करेंगी, क्योंकि इसका लाभ केवल कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दिया जाना है लेकिन इसका जवाब तो देना ही होगा। हर चुनाव प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत छवि पर लड़ा जा रहा है

लाखों करोड़ का कर्ज नहीं चुकाने वालों पर मेहरबानी की जा रही है – श्रीनेत

सुप्रिया ने कहा कि आम आदमी या किसान कर्ज का एक ईएमआइ भुगतान करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ तमाम कार्रवाई शुरू हो जाती है, मगर लाखों करोड़ का कर्ज नहीं चुकाने वालों पर मेहरबानी की जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनपीए 2008 से 2014 के बीच पांच लाख करोड़ रुपये की तुलना में मोदी सरकार के कार्यकाल (2014 से 2020) तक बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।

सरकारी बैंकों की बेशकीमती संपत्तियां कौडि़यों के दाम पर क्यों बेची जा रही हैं – श्रीनेत

श्रीनेत ने सवाल उठाते हुए कहा कि एनपीए में 365 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जिन उद्योगपतियों को इससे फायदा पहुंचा है। उनका नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है? और सरकारी बैंकों की बेशकीमती संपत्तियां कौडि़यों के दाम पर क्यों बेची जा रही हैं? सरकार को यह बताना चाहिए कि वह क्या इसकी निगरानी कराते हुए जांच कराएगी।

क्या होता है एनपीए ?

NPA Kya hota hai | एनपीए क्या होता है Full Form के साथ पूरी जानकारी
File Photo

NPA की फुल फॉर्म Non Performing Assets है। जिसको हिंदी में गैर निष्पादित संपत्ति भी कहा जाता है। बता दें कि गैर निष्पादित संपत्ति एक ऐसी स्थिति होती है। जब अगर बैंक किसी को भी लोन देता है और कोई व्यक्ति या फिर बहुत से व्यक्ति बैंक की क़िस्त को समय से नहीं चूका पाते है तो ऐसे में बैंक के पैसे फस चुके होते है और इस स्थिति में बैंक को NPA यानि के Non Performing Assets घोषित कर दिया जाता है। जिसके कारण बैंकों को नुकसान उठाना पड़ता है।

Edit By Deshhit News

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